नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम 5 साल के लिए बढ़ाई गई, 9 लाख युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCE) ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया।
समिति ने शिक्षा मंत्रालय की 'नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम' (NATS) को पांच साल के लिए बढ़ाने पर अपनी मुहर लगाई।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस ट्रेनिंग स्कीम की मदद से लगभग 9 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे रोजगार के लिए सक्षम हो सकें।
ट्विटर पोस्ट
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर दी जानकारी
Skilling India!
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 24, 2021
Govt led by PM @NarendraModi ji approves continuation of National Apprenticeship Training Scheme for next 5 yrs. This will give:
🔸Nearly 9⃣ lakh youth chance to learn earn📚💰
🔸Skill them for employment in emerging job markets👨🏽💼
📖https://t.co/GROFnSo7F7 pic.twitter.com/3ozWHTT3vS
स्वीकृत
स्कीम के लिए 3,054 करोड़ रुपये की राशि को मिली मंजूरी
बैठक में 2021-22 से 2025-26 तक इस स्कीम पर खर्च होने वाली अनुमानित 3,054 करोड़ की राशि को भी मंजूरी दी गई। यह पिछले पांच वर्षों के खर्च से 4.5 गुना अधिक है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि स्कीम में अगले पांच साल में सात लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अप्रेंटिसशिप पर जोर देने की वकालत की गई थी।
प्रशिक्षण
कला, विज्ञान और वाणिज्य के छात्र भी ले सकेंगे रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण
कैबिनेट ने अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम का दायरा भी बढ़ा दिया है। हर क्षेत्र के युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार के लायक बनाया जा सके, इसके लिए सरकार ने अलग-अलग विषयों के छात्रों को अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग देने की सुविधा शुरू की है।
इसके तहत अब इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े छात्रों के अलावा कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के छात्रों को भी रोजगार से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसी कारण NATS पर खर्च होने वाली राशि को बढ़ाया गया है।
स्टाइपेंड
अप्रेंटिसशिप ट्रेंनिंग पूरी करने पर कितना स्टाइपेंड मिलता है?
NTAS केंद्र सरकार की एक ऐसी योजना है जिसने सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरी करने वाले छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाने में बड़ा योगदान दिया है।
इस ट्रेनिंग के तहत इंजीनियरिंग, मानविकी, विज्ञान और वाणिज्य में स्नातक और डिप्लोमा करने वाले प्रशिक्षुकों को क्रमशः 9,000 रुपये और 8,000 रुपये प्रति माह का स्टाइपेंड दिया जाएगा।
इसमें से एक हिस्सा केंद्र की ओर से दिया जाता है और बाकी राशि प्रशिक्षण के दौरान उद्योगों की ओर से दी जाती है।
ट्रेनिंग
छात्रों को किन क्षेत्रों में मिलेगी ट्रेनिंग?
स्कीम के तहत छात्रों को मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल डिवाइसेस मैन्युफैक्चरिंग, फार्मा सेक्टर और ऑटोमोबाइल सेक्टर में ट्रेनिंग देकर प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) से जोड़ा जाएगा।
PLI स्कीम से जुड़ने के बाद युवा खुद का रोजगार शुरू कर सकते हैं।
'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में यह कारगर कदम हो सकता है।
स्कीम की मदद देश में कुशल और प्रशिक्षित लोग तैयार होंगे और औद्योगिक क्षेत्र में नौकरियों की मांग बढ़ेगी जिससे रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
आवेदन
NATS के लिए कैसे करें आवेदन?
NATS के लिए छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से आनलाइन आवेदन करना होता है।
इच्छुक उम्मीदवारों को NATS की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह योजना इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
इसके तहत जो लक्ष्य तय किया गया था, वह सरकार पूरा नहीं कर पाई। इस कारण अब NATS के दायरे को विस्तार देने का फैसला लिया गया है।