CBSE: बोर्ड परीक्षा से पहले प्रधानमंत्री करेंगे 'परीक्षा पे चर्चा', आप भी हो सकते हैं शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2023 में 'परीक्षा पे चर्चा' को संबोधित करेंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने इसका आधिकारिक नोटिस जारी कर जानकारी साझा की है। 'परीक्षा पे चर्चा' का यह छठा संस्करण होगा। इसका आयोजन CBSE बोर्ड की परीक्षा से ठीक पहले किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है। आइये जानते हैं इस चर्चा में कौन और कैसे शामिल हो सकता है?
कौन हो सकता है चर्चा में शामिल?
इस चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से सीधा सवांद करेंगे। इसमें छात्र-छात्राओं के अलावा उनके अभिभावक, शिक्षक और अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस दौरान अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई, उनकी तैयारी और तनाव को कम करने के जुड़े सीधे सलाव कर सकेंगे। प्रधानमंत्री के इस सीधे सवांद कार्यक्रम में केवल कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की छात्र ही पंजीकरण करा सकते हैं।
क्या है पंजीकरण का तरीका?
इस सवांद कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट innovateindia.mygov.in पर जाना होगा। वहां होम पेज पर 'PPC 2022' के लिंक पर क्लिक करना होगा और उसके बाद 'Participate Now' पर जाकर छात्र, शिक्षक और अभिभावक में से किसी एक लॉग इन पर क्लिक करना होगा। उसके बाद अपने मोबाइल नंबर से पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने के लिए सभी डिटेल भरने के बाद सब्मिट पर क्लिक करना होगा। सबसे आखिर में इसकी PDF को सेव करना होगा।
क्या हैं इस कार्यक्रम के उद्देश्य?
प्रधानमंत्री द्वारा प्रत्येक वर्ष सबोंधित किए जाने वाले इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के नजदीकी समय में तनाव मुक्त रहने और अभिभावकों को तनाव मुक्त रखने के सुझाव साझा करना है। इस कार्यक्रम के जरिए छात्रों के मन में अपनी तैयारी को लेकर उठने वाले सवाल या अभिभावकों के मन में बच्चों के प्रति संशय की स्थिति से निजात पाने जैसी चिंताओं और उनके निवारण के उपाय बताए जाते हैं।
पिछले वर्ष कब हुआ था इस कार्यक्रम का आयोजन?
'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का आयोजन साल 2018 से लगातार किया जा रहा है। हर वर्ष इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले साल यह कार्यक्रम 1 अप्रैल, 2021 को हुआ था और उसमें 15 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे। उस कार्यक्रम में छात्रों की संख्या करीब 12 लाख थी, जबकि एक लाख से अधिक अभिभावक और 2.71 लाख से अधिक शिक्षकों ने हिस्सा लिया था।