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अब MBBS छात्रों को कराई जाएगी योग की ट्रेनिंग, NMC ने जारी की गाइडलाइंस
अब MBBS छात्रों को कराई जाएगी योग की ट्रेनिंग. (फोटो साभार: अनस्पलैश)

अब MBBS छात्रों को कराई जाएगी योग की ट्रेनिंग, NMC ने जारी की गाइडलाइंस

लेखन तौसीफ
May 14, 2022
12:25 pm

क्या है खबर?

MBBS कोर्स में इस शैक्षणिक सत्र से छात्रों के लिए योग प्रशिक्षण को अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने MBBS फाउंडेशन कोर्स में योग प्रशिक्षण शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत सभी मेडिकल कालेजों में यह प्रशिक्षण कम से कम 10 दिनों की अवधि के लिए प्रतिदिन एक घंटे के लिए अनिवार्य होगा। मौजूदा बैच के लिए इसका आयोजन 12 जून से किया जाएगा और इसका समापन विश्व योग दिवस यानी 21 जून को होगा।

योग संस्थान

मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने विकसित किया योग प्रोटोकॉल

NMC के उप सचिव शंभू शरण कुमार ने इस पर जानकारी देते हुए कहा कि सभी मेडिकल कालेजों में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में समरूपता बनाए रखने के लिए आयुष मंत्रालय के तहत मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने एक सामान्य योग प्रोटोकॉल विकसित किया है। NMC के एक आधिकारिक नोटिस में कहा गया है, 'राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की तरफ से स्नातक पाठ्यक्रम के लिए नई योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा लागू की गई है।'

जानकारी

यूट्यूब पर अपलोड की गई वीडियो

छात्रों की सुविधा के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा में योग संबंधित वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी हैं। इसके अलावा इससे संबंधित बुकलेट आयुष मंत्रालय की वेबसाइट www.yoga.ayush.gov.in पर उपलब्ध कराई गई है।

आदेश

हिप्पोक्रेटिक शपथ को महर्षि शपथ के साथ बदलने का दिया था आदेश

1 अप्रैल को NMC ने हिप्पोक्रेटिक शपथ को महर्षि चरक शपथ के साथ बदलने के आदेश जारी किए थे। तमिलनाडु के राजकीय मदुरै मेडिकल कॉलेज के MBBS प्रथम वर्ष के छात्रों ने शनिवार को दीक्षा समारोह के दौरान हिप्पोक्रेटिक शपथ की जगह 'महर्षि चरक शपथ' ले ली। इसके बाद स्टालिन सरकार ने नाराजगी जताते हुए कॉलेज के डीन रथिनवेल का तबादला कर दिया। हालांकि, आज सरकार ने अपने फैसले को वापस लेते हुए रथिनवेल को वापस बहाल कर दिया है।

न्यूजबाइट्स प्लस

हिप्पोक्रेटिक और महर्षि चरक शपथ में अंतर क्या है?

देश में अब तक जो शपथ की पद्धति रही है वो हिप्पोक्रेटिक यानि ग्रीक दार्शनिक और चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स के नाम पर ली जाती रही है। उन्हें फादर ऑफ मेडिसिन भी कहा जाता है। इस शपथ को व्हाइट कोट सेरेमनी के दौरान लिया जाता है। वहीं, चरक संहिता भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्वति के सर्वोच्च ग्रंथ आयुर्वेद का एक पाठ है। महर्षि चरक भारतीय थे और आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। उन्होंने ही यह शपथ लिखी थी।