तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं ये हस्त मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
व्यस्त दिनचर्या और भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण आजकल हर किसी की जिंदगी तनावपूर्ण बन गई है और इसका दिमाग ही नहीं बल्कि पूरी सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यही कारण है कि डॉक्टर तनाव से बचने के लिए दिनचर्या में योग शामिल करने की सलाह देते हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी योग हस्त मुद्राओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं।
ज्ञान मुद्रा
ज्ञान मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं, फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों। इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली को अपने अंगूठे की नोक से मिलाएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
पृथ्वी मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपने दोनों घुटनों पर रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों की अनामिका यानी रिंग फिंगर के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकि उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 30 से 45 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
वायु मुद्रा
वायु मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें। इसके बाद आप अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर की ओर हों। अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों को मोड़कर तर्जनी उंगलियों के ऊपर रखें। बाकि सभी उंगलियां सीधी रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।