केंद्रीय विद्यालयों में अब सांसद-जिलाधिकारी कोटे से नहीं मिलेगा एडमिशन, KVS ने किया फैसला
क्या है खबर?
केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने सांसद और जिलाधिकारी कोटे सहित विशेष प्रावधानों के तहत केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
मालूम हो कि बीते हफ्ते लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जब देश के केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा की सीटों को बढ़ाने या इसे खत्म करने की मांग सदन के सामने रखी थी, तभी से इसको लेकर सियासी चर्चा की जा रही थी।
सूचना
KVS ने पत्र लिखकर प्रधानाचार्यों को किया सूचित
बता दें कि KVS, शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है जिसकी स्थापना 15 दिसंबर, 1963 में की गई थी।
KVS ने 12 अप्रैल को देशभर के केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को इस निर्णय के बारे में बताया।
स्कूलों को भेजे गए एक परिपत्र में कहा गया, "KVS मुख्यालय, नई दिल्ली के निर्देशों के अनुसार, आपको यह सूचित किया जाता है कि अगले आदेश तक विशेष प्रावधानों के तहत कोई प्रवेश नहीं किया जाना चाहिए।"
सांसद
सांसद कोटा खत्म नहीं किया गया, इस पर रोक लगी है- KVS अधिकारी
इस पत्र पर अधिक जानकारी साझा करते हुए KVS के अधिकारी ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि विशेष प्रावधानों की सूची बहुत लंबी हो गई है।
उन्होंने कहा, "सांसदों का कोटा खत्म नहीं किया गया है। अन्य सभी विशेष प्रावधानों की तरह इसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है।"
बता दें कि पिछले साल ही देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कोटा समाप्त करने का निर्णय किया गया था।
एडमिशन
सांसद कोटे से पिछले शैक्षणिक सत्र में कितने एडमिशन हुए?
लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 2021-22 में 21 विशेष प्रावधानों के तहत केंद्रीय विद्यालय में 1,75,261 एडमिशन हुए।
इसमें 7,301 सांसद कोटा शामिल है, जिसके तहत प्रत्येक सांसद प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में पहली से नौवीं कक्षाओं में प्रवेश के लिए 10 मामलों में सिफारिशें कर सकता है।
नियम के अनुसार, 10 नाम उन बच्चों तक सीमित होने चाहिए जिनके माता-पिता उनके निर्वाचन क्षेत्र में हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
सांसद कोटे से केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की प्रक्रिया क्या थी?
1975 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों में विशेष योजना के तहत सांसद कोटा शुरू किया था।
इसके तहत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के लिए सीटों की संख्या तय की गई थी।
सांसद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय विद्यालय संगठन को एक कूपन और छात्र जिसका प्रवेश कराना हो उसकी पूरी जानकारी भेजते हैं।
इसके बाद KVS आधिकारिक वेबसाइट पर शॉर्टलिस्ट किए गए छात्र का नाम जारी करता है और इसके बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होती है।