पेगासस पर राज्यसभा में हंगामा, TMC सांसद ने IT मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ा
क्या है खबर?
इजराइल की साइबरसिक्योरिटी कंपनी NSO ग्रुप और इसकी ओर से तैयार किए गए सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ।
केंद्रीय सूचना तकनीकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा राज्यसभा में जब पेगासस मामले में जवाब दे रहे थे तो तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से पेपर छीनकर फाड़ दिया और उपसभापति की तरफ उछाल दिया। जिसके बाद सदन की कार्रवाई को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।
पृष्ठभूमि
क्या है पेगासस जासूसी कांड?
रविवार को सामने आईं रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई देशों के पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और चर्चित हस्तियों की फोन के जरिये जासूसी की गई।
भारत में मोदी सरकार के दो पदासीन मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, एक संवैधानिक अधिकारी, कई पत्रकारों और कारोबारियों समेत 1,000 से अधिक लोगों के फोन नंबर इस डाटाबेस में मिले हैं।
इस मामले को लेकर भारत की राजनीति गर्माई हुई है।
जवाब
IT मंत्री ने राज्यसभा में दिया जवाब
IT मंत्री वैष्णव, जिनका नंबर भी पेगासस की सूची में शामिल था, ने राज्यसभा में कहा, "भारतीय लोकतंत्र और उसकी सुस्थापित संस्थाओं को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। संसद के मानसून सत्र से पहले ही एक वेब पोर्टल द्वारा बेहद सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित करना इत्तेफाक नहीं हो सकता।"
उन्होंने कहा, "पहले भी पेगासस को लेकर कई तरह के दावे किए गए थे, लेकिन उनमें कोई भी तथ्यात्मक आधार सामने नहीं आया था।"
विवाद
TMC सांसद ने मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, IT मंत्री वैष्णव के मामले में बोलने के दौरान TMC सांसद सेन मौके पर पहुंच गए और उन्होंने मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ दिया और उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की ओर उछाल दिया।
इस पर भाजपा सांसद भी उत्तेजित होकर आगे बढ़ने लग गए, लेकिन उपसभापति ने उन्हें रोक दिया।
इसके बाद IT मंत्री वैष्णव ने अपना भाषण रोककर उसकी प्रति सदन के पटल पर रखी दी।
हंगामा
उपसभापति ने सांसदों से की शांति बनाए रखने की अपील
मामले में उपसभापति ने सभी सांसदों से सदन में असंसदीय व्यवहार नहीं करने और शांति बनाए रखने की अपील की।
उन्होंने कहा कि जिस रिपोर्ट पर सांसद सरकार का जवाब सुनना चाहते हैं, उसे सदन के पटल पर रख दिया गया और इस पर चर्चा की जा सकती है।
इस पर सांसदों ने फिर से हंगामा कर दिया तो उपसभापति ने कहा कि सांसद इस मुद्दे पर चर्चा ही नहीं करना चाहते हैं। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक स्थिति है।
स्थगित
सांसदों के हंगामे के बीच उपसभापति ने की स्थगित की कार्यवाही
उपसभापति के बार-बार समझाने के बाद भी विपक्ष के सांसद शांत नहीं हुए और उन्होंने वेल में पहुंचकर नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद उपसभापति ने संसदीय समिति की उन रिपोर्टों को पटल पर रखने की मांग की जो विपक्ष के विरोध के कारण सुबह निर्धारित समय पर नहीं रखी जा सकी थी, लेकिन सांसदों ने शांति नहीं बनाई।
इसके बाद उपसभापति ने स्थिति को देखते हुए कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
हंगामा
लोकसभा में भी हुआ जमकर हंगामा
इससे पहले कृषि कानून के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने लोकसभा में भी जमकर हंगामा किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी ने सांसदों से शांति बनाए रख की गुहार भी लगाई।
उन्होंने विपक्ष के हंगामे को अनुचित बताते हुए कहा कि सदन की मर्यादा बनाए रखना विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। लोकतंत्र को सशक्त बनाना सामूहिक दायित्व है। जनता ने हंगामा करने के लिए नहीं भेजा है।