अग्निपथ योजना: वायुसेना में शामिल होने के लिए 7.5 लाख युवाओं ने किया आवेदन, रजिस्ट्रेशन समाप्त
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायुसेना (IAF) में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 24 जून से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया 5 जुलाई को समाप्त हो गई। IAF ने मंगलवार को कहा कि उसे इस भर्ती के लिए 7.5 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। बता दें कि 14 जून को इस योजना की घोषणा के बाद लगभग एक सप्ताह तक इसके खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
पिछली बार से अधिक है आवेदकों की संख्या
वायुसेना ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अग्निपथ भर्ती योजना के लिए IAF की तरफ से आयोजित ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो गई है।' इसमें आगे कहा गया, ''पहले 6,31,528 आवेदनों की तुलना में इस बार 7,49,899 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो किसी भी भर्ती प्रक्रिया में सबसे ज्यादा हैं।' बता दें कि इस भर्ती अभियान के माध्यम से वायुसेना में लगभग 3,500 पदों पर भर्ती की जाएगी।
24 जुलाई से शुरू होगी परीक्षा
आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद IAF अब 24 जुलाई से परीक्षा का आयोजन शुरू करेगी। इसमें पहले देश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन टेस्ट का आयोजन किया जाएगा और फिर इसमें चयनित उम्मीदवारों को शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण (PFT) और मेडिकल टेस्ट के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद 1 दिसंबर तक अंतरिम चयन सूची जारी होगी और 11 दिसंबर तक अग्निवीरों के चयन की घोषणा की जाएगी।
IAF में अग्निवीरों का प्रशिक्षण कैसे होगा?
IAF के अनुसार, चयनित अग्निवीरों को कमान की आवश्यकता के अनुसार छह महीने से अधिकतम 10 महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि, असाधारण मामलों को छोड़कर अग्निवीरों को अपनी इच्छा से सेवा छोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्हें वायुसेना की वर्दी के साथ एक विशेष प्रतीक चिन्ह भी दिया जाएगा। अग्निवीरों को चयन के बाद IAF की जरूरत के हिसाब से कहीं भी ड्यूटी पर तैनात किया जा सकेगा।
14 जून को हुई थी अग्निपथ योजना की घोषणा
अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी। इसमें 17.5 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है। इसके बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं को पक्का किया जाएगा। इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन के बाद सरकार ने इस भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को इस साल के लिए बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया है।
पुलिस और अन्य सेवाओं में अग्निवीरों को मिलेगी वरीयता
अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद इसके खिलाफ बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। कई भाजपा शासित प्रदेशों ने भी चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को अपनी-अपनी राज्य पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता देने की घोषणा की थी। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड समेत कई अन्य भाजपा शासित राज्य शामिल हैं।
अग्निपथ योजना को लेकर प्रदर्शन क्यों हुए?
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को न ही स्थायी नौकरी मिलेगी और न ही उन्हें पेंशन मिलेगी। हालांकि उन्हें चार साल बाद लगभग 11 लाख की एकमुश्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा करीब दो साल से कोरोना वायरस महामारी के कारण सेना में भर्ती ठप थी। ऐसे उम्मीदवार जो महामारी के दौरान पूर्णकालिक सरकारी नौकरी का सपना संजोए भर्ती की तैयारी कर रहे थे, वे इस योजना के आने के बाद काफी निराश हैं।