पंजाब के किसान संघों ने गेंहू के निर्यात पर रोक को बताया किसान विरोधी कदम
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने 14 मई से गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही निर्यात की जाने वाली सामग्री में से गेहूं को अब प्रतिबंधित सामान की श्रेणी में डाल दिया गया है।
हालांकि, सरकार के आदेश का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस सहित कई किसान नेता इस फैसले को किसानों का अहित करने वाला बताया है।
अब पंजाब के किसान संघों ने गेहूं के निर्यात पर रोक को किसान विरोधी कदम करार दिया है।
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने क्यों लगाई गेहूं के निर्यात पर रोक?
बता दें मौसम की मार के चलते इस साल भारत में गेंहू के उत्पादन अनुमान से कम रहा है। सरकार ने 10.5 करोड़ टन गेंहू के उत्पादन का अनुमान लगाया था, लेकिन यह 9.5 करोड़ टन ही रह गया।
इससे आपूर्ति प्रभावित हुई और गेंहू के दाम 14-20 प्रतिशत तक बढ़ गए।
ऐसे में बढ़ते दामों को रोकने तथा जोखिम का सामना कर रहे देशों की खाद्य सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी।
आरोप
किसान विरोधी है सरकार का फैसला- सुखदेव सिंह
पंजाब में भारती किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, "गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किसान विरोधी है। सरकार विदेशी बाजारों में उनकी फसलों की ऊंची कीमतों के कारण उन्हें लाभ नहीं लेने दे रही है।"
उन्होंने कहा, "पंजाब में कई किसानों और बड़े गेहूं उत्पादकों ने बाद में अधिक रिटर्न प्राप्त करने की उम्मीद में फसल का भंडारण किया था, लेकिन सरकार के निर्णय से उन पर बुरा असर पड़ेगा।"
निर्यात
किसानों के हित में जारी रखना चाहिए था गेहूं का निर्यात- लखोवाल
भारती किसान यूनियन (लखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने भी केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि सरकार का निर्णय किसानों के हित में नहीं है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च कीमतों का लाभ उठाने के लिए निर्यात जारी रखना चाहिए था।
शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरकार के इस कदम से फसल की मांग में गिरावट आएगी और किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
MSP
पंजाब में 31 मई तक होगी MSP पर गेहूं की खरीद
इधर, पंजाब सरकार ने किसानों के हित को देखते हुए राज्य की 232 मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद 31 मई तक जारी रखने का आदेश दिया है।
राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री लालचंद कटारुचक ने कहा कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध से घरेलू बाजार में खाद्यान्न की कीमतों में गिरावट की संभावना है। ऐसे में गेहूं का भंडारण करने वाले किसान फिर से MSP पर बेचने के लिए मंडी पहुंच सकते हैं।
गिरावट
पंजाब में गेहूं का उत्पादन 30 लाख मीट्रिक टन की गिरावट की संभावना
इस बार पंजाब में गेहूं का उत्पादन 30 लाख मीट्रिक टन घटकर 147 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है। मार्च में 177 लाख मीट्रिक टन का अनुमान लगाया गया था।
इसी तरह राज्य में गेहूं की खरीद भी कम उपज के कारण 132 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य से कम रहने की उम्मीद है। अब तक 102.27 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में, 96.17 लाख मीट्रिक टन सरकारी खरीद एजेंसियों और 6.10 लाख मीट्रिक टन निजी व्यापारियों ने खरीदा है।