दिल्ली हाई कोर्ट का केजरीवाल सरकार को झटका, घर-घर राशन योजना पर लगाई रोक

दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार द्वारा लोगों को घर-घर राशन पहुंचाने के लिए शुरू की गई 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार घर-घर राशन वितरण के नई योजना शुरू कर सकती है, लेकिन केंद्र की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले अनाज का इस योजना में इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस जसमीन सिंह ने योजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की घर-घर राशन योजना फिलहाल लागू नहीं हो सकती है। सरकार इसके लिए दूसरी योजना ला सकती है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनाज से इसका संचालन नहीं कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस योजना की नीति खराब है और उपराज्यपाल की अनुमति भी नहीं है।
बता दें कि घर-घर राशन योजना दिल्ली सरकार के सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनवरी 2021 में लोगों को राशन के लिए कतार में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना शुरू करने का ऐलान किया था। सरकार ने इस योजना को पहले 25 मार्च से शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत शुरुआत में सीमापुरी इलाके के 100 घरों का चयन भी कर लिया गया था।
दिल्ली सरकार की तैयारियों की बीच केंद्र सरकार ने 19 मार्च को योजना पर रोक लगा दी थी। उस दौरान केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि राशन वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किया जाता है। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। ऐसे में दिल्ली सरकार नियमानुसार इन योजना की शुरुआत नहीं कर सकती है।
संयुक्त सचिव ने कहा था कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्यों को राशन मुहैया कराती है और कोई भी राज्य किसी अन्य नाम से इसे लागू नहीं कर सकता है। इसके नाम में बदलाव संसद से ही किया जा सकता है।
केंद्र की आपत्ति के बाद दिल्ली सरकार ने योजना का नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' से बदलकर 'घर-घर राशन' कर दिया था, लेकिन अप्रैल में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण यह शुरू नहीं हो पाई थी। इसके बाद सरकार ने जुलाई में इसे शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन उपराज्यपाल ने केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिलने और कोर्ट में इसके खिलाफ एक मामला लंबित होने के कारण संचालन पर रोक लगा दी थी।
दिल्ली सरकार की इस योजना को सरकारी राशन डीलर संघ के दो डीलरों ने भी हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। डीलरों ने तर्क दिया था कि योजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम, PDS प्रणाली नियमों और संविधान के शासन का उल्लंघन है। ऐसे में इस योजना को खत्म किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने भी डीलरों का समर्थन किया था। ऐसे में हाई कोर्ट ने 10 जनवरी को मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।