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क्या है खबर?
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में अगस्त से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र के लिए तैयारियां की जा रही हैं। संस्थान में फरवरी से जुलाई 2023 के बीच आत्महत्या के 4 मामले सामने आए थे। इसको लेकर अब IIT मद्रास ने आत्महत्या रोकथाम पहल के तहत 2 नई व्यवस्थाएं शुरू की हैं। संस्थान ने नए सत्र से चेहरा पहचान उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली और एक ऐप के इस्तेमाल को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्णय किया गया है।
चेहरा
क्या है चेहरा पहचान उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली?
चेहरा पहचान उपस्थिति प्रबंधन प्रणाली जिसे फेस रिकग्निशन अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम भी कहते हैं। IIT मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने बताया कि ये प्रणाली कक्षा, मेस और जिम में छात्रों की उपस्थिति को नोट करेगी। इसके जरिए किसी की गोपनीयता में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा, लेकिन अगर किसी छात्र ने लगातार 2 दिन तक खाना नहीं खाया या कक्षाएं नहीं ली तो उनके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। छात्र के दोस्तों और होस्टल वॉर्डन से बात की जाएगी।
ऐप
कैसे किया जाएगा ऐप का इस्तेमाल?
कामकोटि ने बताया, "IIT में प्रतिस्पर्धी माहौल है। इसे बदला नहीं जा सकता, इससे मानक कम हो जाएंगे, लेकिन प्रतिस्पर्धी माहौल के बीच छात्रों का तनावमुक्त होना भी जरूरी है। इसी को देखते हुए ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "इसमें माता-पिता को याद दिलाया जाएगा कि वे सप्ताह में कम से कम 2 बार अपने बच्चों से बात करें। बातचीत की रिकॉर्डिंग करें ताकि पता चला सके कि बच्चा ठीक है या नहीं।"
ऐप
ऐप के इस्तेमाल से होगा फायदा
संस्थान की इस पहल से बच्चों और अभिभावकों को बहुत फायदा होगा। बच्चे खुलकर माता-पिता के सामने अपनी परेशानी साझा कर सकेंगे और बता सकेंगे कि वे तनाव महसूस कर रहे हैं। कामकोटि का कहना है कि अगर बातचीत से बच्चा निराश लगेगा तो उसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। बच्चों की मॉनिटरिंग की जाएगी ताकि कोई भी बच्चा अकेला न पड़े। बच्चों की बातचीत सुनने के लिए संस्थान ने श्रोताओं की एक टीम भी बनाई है।
चरण
संस्थान ने शुरू की 8 चरणीय पहल
संस्थान ने छात्रों के तनाव को पहचानने और कम करने के लिए 8 चरणीय पहल भी शुरू की है। इसमें समयबद्ध शिकायत निवारण, जातिगत भेदभाव के विरूद्ध सख्त नीति, आत्मघाती प्रवृत्तियों की पहचान करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण और व्यापक कल्याण सर्वेक्षण जैसे चरण शामिल हैं। जो छात्र परिसर में सहायता मांगने में असहज हैं, उन छात्रों को कैंपस के बाहर पेशेवर परामर्श सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा तनावरोधी पहलों पर काम किया जाएगा।