UPSC की तैयारी के लिए अपनाएं ये रणनीति, कम समय में हासिल कर सकते हैं सफलता
क्या है खबर?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा के रूप में जानी जाती है।
यह प्रतियोगी परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है और इसमें लाखों की संख्या में उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन सफलता कुछ एक को ही मिलती है।
ऐसे में आज इस लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि किस तरह की रणनीति बनाकर नए अभ्यर्थी इस परीक्षा में बहुत कम समय में आसानी से सफलता हासिल कर सकते हैं।
पृष्ठभूमि
क्या होती है UPSC की परीक्षा?
संघ लोक सेवा आयोग जो कि भारत सरकार की प्रमुख भर्ती एंंजेसी है।
इसके जरिए अखिल भारतीय सेवा (IAS), प्रांतीय अथवा राज्य सिविल सेवा (PCS) के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।
इसके अलावा इस परीक्षा के द्वारा कई अन्य सशस्त्र बलों के कई प्रमुख पदों पर भी उम्मीदवारों का चयन किया जाता है।
इस प्रतियोगी परीक्षा में अभ्यर्थियों का चयन प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है।
प्रतिस्पर्धा
कितने लाख अभ्यर्थी करते हैं इस परीक्षा के लिए आवेदन?
एक रिपोर्ट में बताए गए आंकड़े के मुताबिक, साल 2021 में UPSC परीक्षा के लिए करीब 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
इसमें 5,08,619 उम्मीदवारों के परीक्षा दी थी। ऐसे में किसी भी नए उम्मीदवार को इस परीक्षा में बेहद ही कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
UPSC में सफलता हासिल करने के लिए अभ्यर्थियों को एक कारगर रणनीति, लगन और कठिन परिश्रम करना भी जरूरी हो जाता है।
तैयारी
किस तरह की बनाएं रणनीति?
UPSC की तैयारी करने से पहले आपको उसके पूरे सिलेबस को समझना बेहद ही आवश्यक होता है।
इसके बाद उम्मीदवारों को निर्धारित सिलेबल के अनुसार ही अपना टाइम टेबल तैयार करना चाहिए।
अक्सर अभ्यर्थी शुरुआती दिनोंं में तो तैयार टाइम टेबल का पालन करते हैं, लेकिन धीरे-धीरे वह इस पर ध्यान देना बंद कर देते हैं।
ऐसे में ध्यान रखना चाहिए कि तैयारी में नियमितता अवश्य होनी चाहिए, जो सिलेबस को समय रहते खत्म करने में मदद करेगी।
गलती
प्रारंभिक के बाद मुख्य परीक्षा का भी ध्यान रखें
UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी में ही लगे रहते हैं, लेकिन मुख्य परीक्षा के सिलेबस का ध्यान नहीं रखते हैं।
इससे कई बार उम्मीदवार सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में तो अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण हो जाते हैं, लेकिन मुख्य परीक्षा की अधूरी या कम तैयारी होने के चलते अंतिम पड़ाव तक नहीं पहुंच पाते हैं।
इससे बचने के लिए प्रारंभिक परीक्षा के साथ मुख्य परीक्षा के सिलेबस की भी जानकारी रखनी चाहिए।