बिहार सरकार ने खत्म की TET, अब शिक्षक बनने के लिए पास करनी होगी ये परीक्षा
बिहार में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए जरूरी खबर है। बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए अब इसे खत्म कर दिया है। राज्य में अब केंद्र सरकार की तरफ से होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) से ही शिक्षक बन सकेंगे। नीतीश सरकार के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने आलोचना करते हुए इसे बिहार के छात्रों के साथ नाइंसाफी करार दिया है।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया पत्र
प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) पटना के सचिव को 13 जून, 2022 को लिखे पत्र में कहा, "केन्द्र सरकार की ओर से हर साल CTET आयोजित होती है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की ओर से TET अलग से कराने की जरुरत महसूस नहीं हो रही है।" प्रकाश ने यह पत्र ट्विटर पर भी साझा किया है। बता दें कि यह फैसला 26 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लिया गया था।
शिक्षक बनने के योग्य अभ्यर्थियों ने पटना हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
बता दें कि बिहार में TET आयोजित करने की जिम्मेदारी सरकार ने BSEB को दे रखी थी। बिहार में TET आयोजित नहीं होने पर शिक्षक बनने के योग्य अभ्यर्थियों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने BSEB से स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था। इसके बाद विद्यालय परीक्षा समिति ने शिक्षा विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी जिसपर शिक्षा विभाग ने BSEB को पत्र लिखकर सरकार के फैसले की जानकारी दे दी।
भोजपुरी और मैथिली भाषी छात्रों को होगा नुकसान
दैनिक भास्कर के मुताबिक, CTET में मैथिली और भोजपुरी भाषा के प्रश्न नहीं होते हैं, ऐसे में इन विषयों के अभ्यर्थियों को नुकसान होगा। इन दो भाषाओं के बोलने वालों की संख्या बिहार की कुल आबादी की करीब 50 प्रतिशत है। CTET में NCERT जबकि बिहार TET में बिहार बोर्ड के कक्षा 10 और 12 के सिलेबस पर प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए माना जा रहा है कि बिहार के अभ्यर्थियों के लिए बिहार TET के मुकाबले CTET कठिन होगी।
राज्य सरकारी अपनी अक्षमता के कारण संवैधानिक जिम्मेदारियों से भाग रही- RJD
RJD के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बिहार सरकार द्वारा TET खत्म किए जाने के फैसले पर कहा कि राज्य सरकार अपनी अक्षमता और संकुचित मानसिकता के कारण संवैधानिक जिम्मेदारियों से भाग रही है। उन्होंने कहा, "अन्य राज्यों में TET का आयोजन नियमित रूप से साल मे एक बार या केन्द्र द्वारा आयोजित CTET की तरह हीं साल में दो बार होता है। वहीं, बिहार में पिछले कई वर्षों से TET का आयोजन नहीं किया गया है।"