39 महीनों की न्यायिक हिरासत में से लालू यादव ने जेल में गुजारे महज 8 महीने
क्या है खबर?
बिहार के 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में दोषी पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को पांच साल की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही उन्हें अब फिर से जेल जाना पड़ेगा, लेकिन सवाल यह है कि वह कितने दिन जेल में रहेंगे। वह 39 महिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे लेकिन उन्होंने अब तक महज आठ महीने ही जेल में गुजारे हैं।
पृष्ठभूमि
क्या था चारा घोटाला?
1990 के दशक में हुए चारा घोटाले में पशुपालन विभाग के खजाने से पशुओं के चारे और अन्य चीजों से संबंधित करीब 950 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकाले गए थे।
घोटाले के समय लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और झारखंड भी बिहार में शामिल था। लालू की देखरेख में ही यह घोटाला हुआ था।
जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद यह मामला सामने आया था। CBI ने जून 1997 में लालू को आरोपी बनाया था।
सजा
लालू को किन-किन मामलों में सुनाई जा चुकी है सजा?
चारा घोटाले में लालू पर कुल छह मुकदमे दर्ज हुए थे और चार में उन्हें पहले ही दोषी पाया जा चुका है।
उन्हें चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ और 33.13 करोड़ रुपये, देवघर कोषागार से 89.27 करोड़ रुपये और दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का दोषी ठहराया जा चुका है।
इन चारों मामलों में उन्हें 14 साल की जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। भागलपुर बैंक कोषागार से निकासी के मामले पर सुनवाई जारी है।
सबसे ज्यादा
दुमका कोषागार में मामले में मिली थी सबसे अधिक सजा
CBI की स्पेशल कोर्ट ने 6 जनवरी, 2018 में देवघर कोषागार मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी।
इसी तरह 24 जनवरी, 2018 को चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में पांच-पांच साल और 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल (दोनों सजा अलग-अलग) जेल की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। ऐसे में उन्हें कुल 14 साल की सजा हुई थी।
जानकारी
डोरंडा कोषागार मामले में हुई पांच साल की सजा
CBI की स्पेशल कोर्ट ने लालू को सोमवार को डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में पांच साल की सजा और 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने गत 15 फरवरी को उन्हें मामले में दोषी करार दिया था।
जमानत
लालू को किस मामले में कब मिली जमानत
लालू को दिसंबर 2017 में जेल जेल जाने के बाद 9 अक्टूबर, 2020 को चाईबासा कोषागार मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन अन्य मामलों में सजा होने के कारण वह जेल से बाहर नहीं आ सके थे।
इसके बाद उनके अन्य अन्य मामलों में भी जमानत पर सुनवाई और 17 अप्रैल, 2021 को उन्हें अन्य मामलों में भी जमानत मिल गई थी।
हालांकि, वह 30 अप्रैल को जेल से बाहर आए थे, लेकिन अब उन्हें फिर जेल जाना पड़ेगा।
जेल
लालू यादव ने जेल में बिताए करीब आठ महीने
सजा सुनाए जाने के बाद से लालू यादव भले ही आधिकारित तौर पर 39 महीनों तक न्यायिक अभिरक्षा में रहे, लेकिन उन्होंने होटवार की बिरसा मुंडा जेल में सजा के तौर पर महज आठ महीने से थोड़ा ही अधिक समय गुजारा था।
बीमार होने के कारण उनका अधिकांश समय रांची और नई दिल्ली के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में गुजरा था।
इसके चलते वह अधिकतर समय पुलिस की देखरेख में परिजनों की मौजूदगी के बीच ही रहे थे।
जानकारी
इन बीमारियों से जूझ रहे थे लालू यादव
लालू यादव गुर्दे और हृदय की पुरानी बीमारियों के साथ मधुमेह और हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं। इसी के कारण चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल में रखने की सिफारिश की थी। ऐसे में वह लंबे समय तक जेल की जगह अस्पताल में रहे।
अस्पताल
अगस्त 2018 से अस्पताल में रहे हैं लालू यादव
जेल के आंकड़ों के अनुसार, तबीयत बिगड़ने के बाद लालू को सबसे पहले 30 अगस्त, 2018 को रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में भर्ती कराया गया था। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकल देखरेख में रखने की सलाह दी थी।
इसके बाद वह लंबे समय तक RIMS में रहे। हालांकि, जनवरी 2021 में अधिक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में रेफर कर दिया था। जमानत होने तक वह वहीं रहे थे।
सुनवाई
पांचवें मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से RIMS में है लालू यादव
लालू यादव गत 13 फरवरी को चार घोटाले के पांचवे मामले की सुनवाई के लिए रांची लौटे थे। इस मामले की 15 फरवरी को सुनवाई हुई थी।
उसमे दोषी ठहराए जाने के बाद लालू ने RIMS में भर्ती होने के लिए जेल प्राधिकरण की अनुमति मांगी है। ऐसे में कोर्ट ने इसकी अनुमति देने का निर्णय जेल पर ही छोड़ा है।
अब यदि जेल प्रशासन ने उन्हें अनुमति देता है तो वह फिर से जेल से बाहर ही रहेंगे।