
दिल्ली हाई कोर्ट से रेस्त्रां संचालकों को राहत, अगली सुनवाई तक वसूल सकेंगे सर्विस चार्ज
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने सर्विस चार्ज वसूलने के मामले में होटल और रेस्त्रां संचालकों को बड़ी राहत दी है।
कोर्ट ने कहा है कि मामले में 31 अगस्त को होने वाली सुनवाई तक होटल और रस्त्रां संचालक सर्विस चार्ज वसूल सकेंगे।
हालांकि, कोर्ट ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की ओर से सर्विस चार्ज मामले में दायर अपील पर रेस्तरां निकायों से जवाब भी मांगा है। उनका जवाब आने के बाद ही इस अपील पर फैसला दिया जाएगा।
प्रकरण
CCPA ने लगाई थी सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक
CCPA ने 4 जुलाई को संशोधित दिशानिर्देश जारी करते हुए होटल और रेस्त्रां संचालकों की ओर से रहने और खाने के बिल में स्वत: लगाए जाने वाले सर्विस चार्ज पर रोक लगा दी थी।
CCPA के मुख्य आयुक्त ने गाइडलाइंस में स्पष्ट कहा था कि कोई भी होटल या रेस्त्रां ग्राहकों को दिए जाने वाले बिल में अपनी इच्छा से सर्विस चार्ज नहीं लगा सकेंगे। इसके साथ ही किसी अन्य नाम से भी सर्विस चार्ज नहीं वसूला जा सकेगा।
चुनौती
NRAI ने दी थी CCPA के आदेश को चुनौती
CCPA के इस आदेश को भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (NRAI) ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 20 जुलाई को आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी और CCPA को नोटिस जारी किया था।
इसको लेकर CCPA ने अपील याचिका दायर कर कहा था कि सर्विस चार्ज लगाना ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने 17 अगस्त को सुनवाई की थी।
फटकार
हाई कोर्ट ने लगाई थी रेस्त्रां संचालकों को फटकार
मामले में बुधवार को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रेस्त्रां संचालकों को फटकार लगाते हुए पूछा था कि क्या उपभोक्ताओं को सर्विस चार्ज देने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए?
कोर्ट ने कहा कि रेस्त्रां में वसूले जाने वाला सर्विस चार्ज सरकारी टैक्स ही है। यदि होटल एवं रेस्त्रां उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूलना चाहते हैं तो वो खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ा सकते हैं। इससे उन्हें अलग सर्विस चार्ज की जरूरत नहीं पड़ेगी।
दलील
रेस्त्रां संगठनों ने दी थी यह दलील
सुनवाई में रेस्त्रां संगठनों की तरफ से कहा गया कि सर्विस चार्ज कोई सरकारी कर नहीं है और यह रेस्त्रां में काम करने वाले कर्मचारियों के लाभ के लिए वसूला जाता है।
इस पर कोर्ट ने असहमति जताते हुए कहा कि यदि उन्हें अपने कर्मचारियों के बारे में चिंता है तो उन्हें कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि कर देनी चाहिए। इसके बाद कोर्ट उनकी बात सुनेगा। वैसे सर्विस चार्ज लेने का संबंध रेस्तरां कर्मचारियों से नहीं बल्कि उपभोक्ताओं से है।
आदेश
कर्मचारियों की भुगतान के लिए ग्राहकों को नहीं बनाया जा सकता उत्तरदायी- हाई कोर्ट
मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि रेस्त्रां और होटल अपने कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए बाध्य हैं, लेकिन ग्राहकों को इसके लिए उत्तरदायी नहीं बनाया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि वह CCPA की अपील पर 31 अगस्त को सुनवाई करेगा, तब तक होटल और रेस्त्रां संचालक सर्विस चार्ज वसूल सकेंगे। इस दौरान कोर्ट ने होटल और रेस्त्रां संगठनों से CCPA के सर्विस चार्ज को छोड़कर अन्य गाइडलाइंस पर जवाब भी मांगा है।