सोशल मीडिया पर उठी रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग, जानिये उनकी प्रतिक्रिया
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने ट्विटर यूजर्स से उस मुहिम को बंद करने की अपील की है, जिसमें उन्हें देश का सर्वाच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि वो बिना किसी सम्मान के ही देश के विकास और समृद्धि में भागीदार बनकर खुश हैं। गौरतलब है कि बीते दिन से सोशल मीडिया यूजर्स सरकार से रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं।
कहां से शुरू हुई मांग?
शुक्रवार को मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा ने ट्वीट पर रतन टाटा को देश का सर्वाच्च नागरिक सम्मान देने की मांग करते हुए एक मुहिम चलाई थी। उन्होंने दूसरे लोगों से भी इस मुहिम में जुड़ने की मांग की थी। इसके बाद से ट्विटर पर #BharatRatnaForRatanTata हैशटैग ट्रेंड होना शुरू हो गया। ट्विटर यूजर्स टाटा के सामाजिक और परोपकारी कार्यों के आधार पर उन्हें भारत रत्न सम्मान देने की मांग कर रहे थे।
टाटा ने की मुहिम रोकने की अपील
शनिवार सुबह प्रतिक्रिया देते हुए रतन टाटा ने इस मुहिम को रोकने की अपील की। उन्होंने लिखा कि वो एक सम्मान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के एक वर्ग की भावनाओं की इज्जत करते हैं, लेकिन इस मुहिम को बंद कर दिया जाए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं खुद को भारतवासी होने पर और देश के विकास और समृद्धि में भागीदार होने पर भाग्यशाली समझता हूं।' उनका यह ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं।
यहां देखिये टाटा की प्रतिक्रिया
टाटा की विनम्रता के कायल हुए लोग
रतन टाटा के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी विनम्रता के कायल हो गए हैं। सोशल मीडिया यूजर्स टाटा की इस प्रतिक्रिया के बाद उन्हें लेंजेंड, रोल मॉडल और रियल हीरो बता रहे हैं।
सामाजिक कार्यों के कारण चर्चा में रहते हैं टाटा
1937 में बॉम्बे में पैदा हुए रतन टाटा अपने कार्यकाल के दौरान टाटा समूह की कई बड़ी कंपनियों के चेयरमैन रह चुके हैं। उन्होंने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस, टाटा पावर, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटेल्स और टाटा टेलिसर्विसेस के चेयरमैन पद पर अपनी सेवाएं दी थीं। टाटा कंसल्टेंसी समूह दुनिया की तीसरी सबसे मूल्यवान IT कंपनी है। रतन टाटा लगातार सामाजिक कार्यों के कारण भी चर्चा में रहते हैं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 1,500 करोड़ दान कर चुका है टाटा समूह
मार्च में रतन टाटा ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में टाटा ट्र्स्ट से 500 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। टाटा संस की तरफ से भी 1,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस तरह टाटा की तरफ से कुल 1,500 करोड़ का दान दिया गया।