द्रौपदी मुर्मू ने ली राष्ट्रपति पद की शपथ, कई रिकॉर्ड बनाए
क्या है खबर?
द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने उन्हें देश के सर्वोच्च पद की शपथ दिलाई।
शपथ के बाद उन्हें 21 बंदूकों से सलामी दी गई। इसके बाद उन्होंने सबको संबोधित किया। अंत में वह राष्ट्रपति भवन के लिए निकलीं जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और निवर्तमान राष्ट्रपति का शिष्टाचार सम्मान किया गया।
अतिथि
शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन शामिल हुआ?
मुर्मू के शपथ गृहण समारोह में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल, राज्यों के मुख्यमंत्री, विभिन्न देशों के राजदूत, सांसद और प्रमुख सैन्य और नागरिक अधिकारी शामिल हुए।
समारोह से पहले मुर्मू ने राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वह निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद से मिलीं।
मुर्मू और कोविंद दोनों एक साथ संसद पहुंचे।
जानकारी
कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में किया मुर्मू के लिए डिनर का आयोजन
रामनाथ कोविंद ने कल रात राष्ट्रपति भवन में मुर्मू के लिए डिनर का आयोजन किया था। इसमें मुर्मू के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य शामिल हुए थे। कोविंद ने कल देशवासियों को संबोधित भी किया था।
राष्ट्रपति चुनाव
यशवंत सिन्हा को हराकर देश की राष्ट्रपति बनी हैं मुर्मू
बता दें कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार रहीं द्रौपदी मुर्मू विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर देश की राष्ट्रपति बनी हैं।
18 जुलाई को संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी और 21 जुलाई को नतीजे आए।
नतीजों में मुर्मू को कुल 64 प्रतिशत वोट मिले, वहीं सिन्हा को मात्र 36 प्रतिशत वोटों से संतुष्ट करना पड़ा। कई विपक्षी सांसदों और विधायकों ने भी मुर्मू को वोट दिया।
रिकॉर्ड
पहली आदिवासी राष्ट्रपति समेत मुर्मू ने बनाए ये रिकॉर्ड
राष्ट्रपति बनने के साथ ही मुर्मू ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। वह ओडिशा से आने वाली पहली राष्ट्रपति भी हैं। वह अब तक की सबसे युवा राष्ट्रपति भी हैं।
इसके अलावा मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी हैं। उनसे पहले केवल प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति ही रही हैं।
ओडिशा सरकार में क्लर्क की नौकरी से करियर शुरू करने वालीं मुर्मू इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
संबोधन
अपने संबोधन में मुर्मू ने क्या कहा?
इससे पहले संसदीय कक्ष से देश को संबोधित करते हुए मुर्मू ने सभी देशवासियों का अभिनंदन किया और उन्हें चुनने के लिए सांसदों और विधायकों का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा कि स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में तेज गति से काम करना होगा।
उन्होंने देश की सेनाओं और देशवासियों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं।
बयान
मेरा राष्ट्रपति बनना हर गरीब की उपलब्धि- मुर्मू
अपने जीवन के संघर्षों को याद करते हुए मुर्मू ने कहा कि अगर जनजातीय समाज से आने वाली वह आज राष्ट्रपति बनी हैं तो ये भारतीय लोकतंत्र की महानता है।
उन्होंने कहा कि उनका राष्ट्रपति बनना देश के हर गरीब की उपलब्धि है और ये संतोष की बात है कि वंचित, गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी उनमें अपनी छाया देख रहे हैं।
स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह सबके विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करेंगी।