देश में पिछले साल के मुकाबले दोगुना हुए टमाटर के भाव, आलू में भी आया उबाल
सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाले टमाटर ने इन दिनों मुंह का स्वाद बिगाड़ रखा है। बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति और सीमित आपूर्ति से देश के महानगरों में टमाटर के भाव पिछले साल की तुलना में दोगुना से भी अधिक हो गए हैं। ऐसे में अब सब्जियों से टमाटर गायब होता नजर आ रहा है। हालात यह है कि पिछले साल तक खुदरा बाजार में महज 28 रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब 77 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
मुंबई में सबसे अधिक बढ़े टमाटर के भाव
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में टमाटर के सबसे अधिक दाम बढ़े हैं। यहां पिछले साल खुदरा बाजार में टमाटर 28 रुपये किलो बिक रहा था, लेकिन अब यह 77 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह कोलकाता में टमाटर पिछले साल के 38 रुपये प्रति किलो की तुलना में 77 रुपये और रांची में 20 रुपये की जगह 50 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है।
दिल्ली में क्या है टमाटर के भाव?
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल मई में टमाटर 15 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, लेकिन इस साल इसके भाव 39 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए। ऐसे में लोग इससे दूरी बना रहे हैं।
आलू की भावों में भी आया है उबाल
इसी तरह आलू की भाव भी पिछले साल की तुलना में बढ़े हुए हैं। खुदरा बाजार में 1 जून, 2021 को आलू के भाव 20 रुपये प्रति किलो थे, जो अब 22-25 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। वर्तमान में मुंबई में आलू पिछले साल 21 रुपये के मुकाबले 27 रुपये प्रति किलो, कोलकाता में 16 रुपये की जगह 27 रुपये प्रति किलो और रांची में 17 रुपये की जगह 20 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।
पिछले साल के मुकाबले कम हुए प्याज के दाम
इस साल राहत यह है प्याज के भाव पिछले साल की तुलना में कम हुए हैं। वर्तमान में दिल्ली में प्याज पिछले साल के 28 रुपये की तुलना में 24 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इसी तरह मुंबई में 25 रुपये की जगह 18 रुपये, कोलकाता में 27 रुपये की जगह 23 रुपये और रांची में पिछले साल के 25 रुपये की जगह 18 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है। इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
खाद्य मुद्रास्फीति की बढ़ती दर से बढ़ी महंगाई- अरोड़ा
न्यूज 18 के अनुसार, एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा ने कहा, "8.4 प्रतिशत सालाना और 1.6 प्रतिशत माहवार दर से बढ़ती खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में इसे 17 महीनों के शिखर पर पहुंचा दिया। इससे फल, खाद्य तेल और अनाज की कीमतों उछाल देखने को मिला।" उन्होंने कहा, "फलों की भावों में मौसमी बदलाव के कारण उतार-चढ़ाव आ सकता है। इंडोनेशिया में प्रतिबंध और हीटवेव के कारण खाद्य तेल और अनाज के दाम बढ़ सकते हैं।"
ऊर्जा मुद्रास्फीति के बढ़ने से होगा कीमतों में इजाफा- अरोड़ा
अरोड़ा ने कहा, "ऊर्जा मुद्रास्फीति के 10.8 प्रतिशत पर पहुंचने से रसोई गैस और मिट्टी के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह अप्रैल में रही बिजली दरों में और बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि राज्य प्रस्तावित बढ़ोतरी को लागू कर सकते हैं।" बता दें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह अप्रैल 2021 में 4.23 प्रतिशत और मार्च 2022 में 6.97 प्रतिशत थी।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत है। यहां 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ लगभग 19.75 मिलियन टन का उत्पादन होता है। वर्तमान में मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में टमाटर की बुवाई का काम चल रहा है। टमाटर की फसल बुवाई के 2-3 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है।