सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये देगा RBI, जानें इसके बारे में बड़ी बातें
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपने डिविडेंड और सरप्लस रिजर्व में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को देगा। RBI के निदेशक मंडल ने विमल जालान समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए यह कदम उठाया है। RBI ने बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने 1,76,051 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का फैसला लिया है। इसमें 2018-19 के लिए 1,23,414 करोड़ रुपये के सरप्लस और 52,637 करोड़ रुपये को अतिरिक्त प्रावधान के रूप में चिन्हित किया गया है।
विमल जालान समिति की सिफारिशों को किया स्वीकार
RBI ने यह कदम अपने पूर्व गवर्नर विमल जालान की अध्यक्षता में बनी समिति की सिफारिशों के बाद उठाया है। इस समिति में जालान के अलावा पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, वित्त सचिव राजीव कुमार, RBI के डिप्टी गवर्नर एनएन विश्वनाथन और RBI के भरत दोशी और सुधीर मनकड़ शामिल थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट में RBI के सरप्लस कैश रिजर्व को सरकार की मदद के लिए इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।
सरकार को क्यों लेना पड़ा RBI से पैसा?
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का राजस्व वसूली का लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है। इसलिए उसे RBI से यह पैसा लेना पड़ रहा है। केंद्रीय बैंक के 84 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है।
सरकार को कब तक मिलेगा यह पैसा
RBI के एक अधिकारी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस से कहा कि यह रकम मंगलवार को सरकार के खाते में चली जाएगी। इससे सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों की मदद, बाज़ार में कैश फ्लो बढ़ाने और सार्वजनिक कर्ज चुकाने में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने बजट में RBI के लिए 90,000 करोड़ का डिविडेंड प्रस्तावित किया था जबकि पिछले वित्त वर्ष में RBI ने डिविडेंड के तौर पर 68,000 करोड़ चुकाए थे।
1.76 लाख करोड़ से अतिरिक्त सरकार को मिलेगी इतनी रकम
साल 2013-14 से RBI अपने खर्च करने लायक फंड में का 99 फीसदी हिस्सा सरकार को देता आया है। इस वित्त वर्ष की बात की जाए तो RBI 28,000 करोड़ रुपये डिविडेंड के तौर पर केंद्र सरकार को दे चुका है। इसके अलावा सरकार को 95,400 करोड़ का डिविडेंड मिलेगा। यह रकम अगले 3-5 सालों के दौरान दिए जाने वाले सरप्लस फंड (1.76 लाख करोड़ रुपये) से अलग है।
सरप्लस फंड दिए जाने के विरोध में थे उर्जित पटेल
उर्जित पटेल के गवर्नर रहते हुए सरप्लस फंड को लेकर केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक के रिश्तों में तनाव आ गया था। पटेल सरकार को ऊंचे सरप्लस फंड देने के खिलाफ थे। इसे लेकर उन्होंने पिछले साल 10 दिसंबर को गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके लगभग 15 दिन बाद जालान समिति का गठन किया था। पटेल के अलावा RBI के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य भी इस कदम के खिलाफ थे। उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया था।
राहुल ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आर्थिक मंदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास खुद के द्वारा तैयार की आर्थिक आपदा का कोई समाधान नहीं है और केंद्रीय बैंक से लिया गया पैसा भी इस मामले को कोई मदद नहीं कर सकेगा। राहुल ने ट्विटर पर लिखा कि यह ठीक वैसा है जैसे गोली से हुए घाव पर बैंडेड लगाना जैसा है।