कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बाद भी लगातार दसवें दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी के बाद भी भारत में मंगलवार को लगातार दसवें दिन भी पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही तेल की कीमतें साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। तेल विपणन (OMC) कंपनियों की ओर से करीब 12 सप्ताह बाद दैनिक कीमतों की समीक्षा शुरू की थी और अब 10 दिन बाद पेट्रोल 47 पैसे प्रति लीटर और डीलज 57 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
देश में प्रमुख शहरों में यह है पेट्रोल-डीजल के भाव
तेल कंपनियों के ओर से लगातार दसवें दिन भी कीमतों में इजाफा करने के बाद मुंबई में पेट्रोल की कीमत 83.62 रुपये और डीजल 73.75 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इसी तरह राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 76.73 रुपये और डीजल 75.19 रुपये प्रति लीटर हो गया है। चेन्नई में पेट्रोल 80.37 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.17 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। इसी तरह कोलकाता में पेट्रोल 78.55 रुपये प्रति लीटर और डीजल 70.84 रुपय प्रति लीटर है।
उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी के कारण बढ़ रही तेल की कीमतें
बता दें कि अक्टूबर-नवंबर 2018 में कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद कीमतें समान स्तर पर आ गई थी। वर्तमान में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने उत्पाद शुल्क में वृद्धि करना माना जा रहा है। सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था। इसके कारण राज्यों में संचालित तेल कंपनियां आठ रुपये प्रति लीटर का नुकसान झेल रही है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद कम
संभावना जताई जा रही है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में जून के आखिर तक बढ़ोत्तरी जारी रहेगी।हालांकि, वृद्धि की मात्रा कम हो सकती है। IANS के एक अधिकारी ने बताया, "वैश्विक तेल की कीमतें फिर से 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं और उत्पाद शुल्क में भी मामूली कमी आई है। यदि ऐसा होना जारी रहता है तो वास्तव में अगले महीने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो सकती है।"
ग्राहक और ट्रांसपोर्ट यूनियन कीमतों में बढ़ोतरी से हैं नाखुश
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी से न केवल आम उपभोक्ता को बल्कि ट्रांसपोर्ट यूनियन भी नाखुश नजर आ रही हैं। वह पहले से ही कोरोना माहामारी के कारण आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। बस और कैब्स ऑपरेटर्स महासंघ के अध्यक्ष प्रसन्ना पटवर्धन ने कहा, "कीमतों में बढ़ोतरी का सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ेगा।" उन्होंने कहा कि वृद्धि ऑपरेटरों से होते हुए यात्रियों तक जाएगी और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई
पेट्रोल और डीजल के अलावा तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने विमानन टरबाइन ईंधन (ATF) की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। यह चालू माह में दूसरी बार है। दिल्ली में ATF में 16.3% की बढ़ोतरी हुई और अब इसकी कीमत 39,069.87 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। इसमें 5,494.5 रुपये प्रति किलोमीटर का इजाफा किया गया है। बता नें कि ATF की कीमतों की महीने में दो बार समीक्षा की जाती है, जबकि पेट्रोल-डीजल की प्रतिदिन होती है।
कांग्रेस ने दामों में बढ़ोतरी को लेकर केंद्र पर साधा निशाना
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी ने कांग्रेस को इसे GST के तहत लाने की मांग के साथ राजनीतिक मुद्दा बनाने का भी अवसर दिया है। सरकार के इस कदम से राज्यों को कोई टेकर्स नहीं मिलेगा, जो कोरोनो वायरस को रोकने के लिए लगए गए लॉकडाउन से पीड़ित होने के बाद अपना खजाना भरना चाहते हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "मध्यम वर्ग और गरीब लोग पूंजीपतियों को उपहार में देने के लिए अधिक पैसा चुकाएंगे।"
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मूल्य वृद्धि को बताया असंवेदनशील
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल के दामों में की जा रही बढ़ोतरी को बेहद असंवेदनशील करार दिया है। उन्होंने लिखा, "यह सरकार का कर्तव्य है कि वह लोगों की परेशानियों को दूर करे, न कि उन्हें और अधिक परेशानी में डालें।" कोरोनो वायरस संकट के मद्देनजर वह पेट्रोल-डीजल के दामों में की जा रही बढ़ोतरी के पीछे के तर्क को नहीं समझ पा रही हैं।