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अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में तकनीकी क्षेत्र में ढील की मांग कर सकता है भारत
भारत अमेरिका से द्विपक्षीय समझौते के तहत कुछ ढील की मांग कर सकता है

अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में तकनीकी क्षेत्र में ढील की मांग कर सकता है भारत

लेखन आबिद खान
Apr 27, 2025
03:43 pm

क्या है खबर?

टैरिफ चिंताओं के बीच भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। खबर है कि भारत बातचीत में अमेरिका से तकनीकी क्षेत्रों में ढील की मांग कर सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अमेरिका से निर्यात नियंत्रण और प्रस्तावित समझौते के तहत तकनीकी क्षेत्र में रियायत देने की मांग कर सकता है। भारत जो छूट चाहता है, वो ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जापान जैसे प्रमुख अमेरिकी सहयोगियों को मिलने वाली छूट के समान है।

रिपोर्ट

किन क्षेत्रों में ढील की मांग कर सकता है भारत?

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), फार्मास्यूटिकल्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों के लिए ढील मांग सकता है। भारत कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़े के सामान, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, रसायन, अंगूर और केले जैसे क्षेत्रों में शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। वहीं, अमेरिका औद्योगिक वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, डेयरी और कृषि वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में शुल्क रियायतें चाहता है।

वजह

क्यों ढील चाहता है भारत?

थिंक टैंक GTRI के अनुसार, अमेरिका ने करीबी सहयोगियों के साथ प्रौद्योगिकी साझेदारी को मजबूत करने के लिए निर्यात नियंत्रणों को आसान बनाया है। 1 सितंबर, 2024 से अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन को रक्षा-संबंधी निर्यात के लगभग 80 प्रतिशत को संशोधित अमेरिकी हथियार नियमों के तहत व्यक्तिगत लाइसेंस की जरूरत को खत्म कर दिया है। इसी तरह क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर निर्यात पर भी पिछले साल से अमेरिका ने G-7 देशों को कई छूट दी है।

बयान

अमेरिका किन मुद्दों को उठा सकता है?

GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, "अमेरिका भारत के साथ तकनीकी संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्सुक है। हालांकि, पूर्ण समानता तुरंत संभव नहीं हो सकती है। अमेरिका भारत के निर्यात नियंत्रण, बौद्धिक संपदा सुरक्षा, साइबर सुरक्षा मानकों और रूस के साथ सैन्य संबंधों को लेकर चिंताओं की ओर इशारा कर सकते हैं। अमेरिका व्यापक छूट के बजाय चुनिंदा भारतीय संस्थाओं के लिए विश्वसनीय भागीदार कार्यक्रम, परियोजना-विशिष्ट लाइसेंस या विस्तारित लाइसेंसिंग जैसे तंत्र का सुझाव दे सकता है।"

दौरा

हाल ही में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने किया था अमेरिका दौरा

व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए 23 अप्रैल से 3 दिनों के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका दौरे पर था। इस दौरान टैरिफ, गैर-टैरिफ बाधाओं और सेवाओं सहित कई मुद्दों पर अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई थी। इससे पहले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका दौरा किया था। इसके बाद दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत आया था।