ट्रंप ने जिन लोगों को दी टीम में जगह, भारत को लेकर उनका नजरिया कैसा है?
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज करते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई टीम बनानी शुरू कर दी है। उन्होंने कई एजेंसियों और विभागों को संभालने वाले लोगों के नाम का ऐलान कर दिया है। इन नियुक्तियों पर भारत समेत कई देशों की नजरें हैं, क्योंकि यही लोग आगे चलकर नीतियां निर्धारित करेंगे, जिनका असर दुनियाभर पर होगा। आइए जानते हैं ट्रंप ने अभी तक जिन लोगों को नियुक्त किया है, उनका भारत के प्रति नजरिया कैसा है।
किसे मिली क्या जिम्मेदारी?
ट्रंप ने पूर्व कर्नल माइक वॉल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की जिम्मेदारी दी है। इसके अलावा फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रूबियो को विदेश मंत्री, निवेशक और हेड फंड प्रबंधनक स्कॉट बेसेंट को वित्त मंत्री, फॉक्स न्यूज के एंकर पीट हेगसेट को रक्षा मंत्री, जॉन रैटक्लिफ को CIA प्रमुख, क्रिस्टी नोएम को होमलैंड सिक्योरिटी मंत्री और एलन मस्क और विवेक रामास्वामी को नए सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का प्रमुख बनाया है।
चीन विरोधी माने जाते हैं नए NSA
NSA बनने जा रहे फ्लोरिडा के सांसद माइक वॉल्ट्ज को चीन और ईरान का विरोधी और भारत का समर्थक माना जाता है। वे चीन पर अमेरिका की निर्भरता कम करने से जुड़े कई विधेयकों का समर्थन कर चुके हैं। वे भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ाने की बात कर चुके हैं। वॉल्ट्ज अमेरिकी सीनेट में इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं और भारत के प्रति उनका रवैया नरम माना जाता है।
रक्षा मंत्री का क्या है रुख?
रक्षा मंत्री बनने जा रहे पीट हेगसेथ पूर्व में बतौर सैनिक इराक और अफगानिस्तान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ट्रंप के पहली बार राष्ट्रपति बनने के समय पीट ने उनका खुलकर समर्थन किया था। हालांकि, उन्होंने कभी भी भारत की खुलकर सराहना नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि हेगसेथ चीन के मुकाबले भारत को तरजीह देते हैं। हेगसेथ का नाम चौंकाने वाला है, क्योंकि किसी को अंदाजा नहीं था कि उन्हें इतना बड़ा पद मिल सकता है।
विदेश मंत्री का नजरिया कैसा है?
नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के समर्थक रहे हैं। वे भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार मानते हैं और एशिया में चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए भारत का सहयोग जरूरी समझते हैं। उन्होंने रक्षा और व्यापार में अमेरिका-भारत सहयोग को और गहरा करने की वकालत की है। वे चीन, ईरान, वेनेजुएला और क्यूबा को लेकर कठोर रुख रखने के लिए जाने जाते हैं।
वित्त मंत्री बढ़ाएंगे चिंताएं?
वित्त मंत्री बनाए गए स्कॉट बेसेंट को ट्रंप का बेहद करीबी माना जाता है। माना जाता है कि वे चीन की नीतियों से खुश नहीं हैं, लेकिन भारत को लेकर भी कोई विशेष झुकाव नहीं रखते हैं। वे भारत को एक बड़े बाजार के तौर पर देखते हैं। बेसेंट को ट्रंप के टैरिफ प्लान का समर्थक माना जाता है। ऐसे में उनके वित्त मंत्री बनने पर से भारत और चीन दोनों की चिंताएं बढ़ सकती हैं।