NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / बिज़नेस की खबरें / आजादी के बाद से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कैसा रहा है भारतीय रुपये का प्रदर्शन?
    अगली खबर
    आजादी के बाद से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कैसा रहा है भारतीय रुपये का प्रदर्शन?
    पिछले 75 सालों में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कैसा रहा है भारतीय रुपये का प्रदर्शन?

    आजादी के बाद से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कैसा रहा है भारतीय रुपये का प्रदर्शन?

    लेखन भारत शर्मा
    Aug 15, 2022
    04:45 pm

    क्या है खबर?

    भारत आज स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसी तरह वह अगले 25 सालों में अपने आर्थिक विकास को तेजी से बढ़ाने के मुहाने पर खड़ा है।

    हालांकि, वर्तमान में भारतीय रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले बड़ी गिरावट आ चुकी है और इसका मूल्य एक डॉलर के मुकाबले 75 रुपये पर पहुंच गया है। यह पिछले 75 सालों में सबसे बड़ी गिरावट है।

    आइये जानते हैं कि 1947 के बाद भारतीय रुपये का प्रदर्शन कैसा रहा है।

    मायने

    रुपये की गिरावट के क्या है मायने?

    भारतीय रुपया जुलाई में डॉलर के मुकाबले 80 रुपये पर पहुंच गया था। यह पिछले 75 सालों में रुपये का सबसे निचला स्तर रहा है।

    पिछले आठ सालों में रुपये में 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इसमें सात प्रतिशत गिरावट तो अकेले साल 2022 में आई है।

    ऐसे में इस गिरावट का सीधा असर आम आदमी पर देखने को मिल रहा है। खुदरा महंगाई के साथ बैंक लोन सहित आयात महंगा हो गया है।

    शुरुआत

    आजादी के समय डॉलर के मुकाबले क्या थी रुपये की कीमत?

    साल 1947 में भारत के आजाद होने के समय अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत चार रुपये थी, लेकिन वर्तमान में यह 79.62 रुपये पर पहुंच गई।

    अंग्रेजों का राज खत्म होने के समय 13 रुपये में एक पाउंड या चार अमेरिकी डॉलर खरीदे जा सकते थे।

    विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये में गिरावट के लिए उच्च तेल आयात लागत के कारण व्यापार घाटे के 31 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने को जिम्मेदार माना जा सकता है।

    गिरावट

    भारतीय रुपये में 1966 में आई थी पहली गिरावट

    रुपये में पहली गिरावट 1966 में भारत में आए गंभीर आर्थिक संकट के दौरान आई थी। मानसून की कमी और भारत द्वारा चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद भारत को विदेशी सहायता बंद हो गई थी।

    उस दौरान भारत को व्यापार प्रतिबंधों को कम करने के लिए कहा गया था।

    ऐसे में तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार में 6 जून, 1966 को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 4.76 से बढ़कर 7.50 रुपये पर पहुंच गई थी।

    1991

    1991 में रुपये में आई थी 18.5 प्रतिशत की गिरावट

    1990 में बकाया भुगतान संकट के कारण खड़े हुए व्यापक आर्थिक असंतुलन ने भारत को एक बड़ी मंदी में धकेल दिया था।

    बाहरी कर्ज भुगतान, उच्च मुद्रास्फीति और बजट घाटे से लड़ने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये में गिरावट के लिए दो-चरणीय प्रक्रिया अपनाई थी।

    उस दौरान महज 10 दिनों में ही एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 18.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25.95 रुपये पर पहुंच गया था।

    मंदी

    2008 के वित्तीय संकट के कारण बढ़ी मंदी

    ब्याज दर अंतर और मुद्रास्फीति के कारण 1991 के बाद से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (CAGR) पर 3.74 प्रतिशत तक गिर गया।

    इसके बाद भारतीय रुपया 2001-07 के बीच कुछ हद तक स्थिर रहा था, लेकिन साल 2008 में आई आर्थिक मंदी के कारण रुपये में फिर से गिरावट शुरू हो गई।

    साल 2009 के बाद से फिर से बड़ी गिरावट आई और डॉलर के मुकाबले रुपया 46.5 पर पहुंच गया।

    परेशानी

    रुपये में लगातार जारी रही है गिरावट

    कोरोना वायरस महामारी की लगातार आई लहरों और वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते इस साल की शुरुआत में रुपया एक डॉलर के मुकाबले 80 रुपये पर पहुंच गया।

    हालांकि, 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में काफी तेजी आई है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट जारी रह सकती है, लेकिन पूरी संभावना है कि गिरावट की यह गति पहले की तुलना में काफी कम हो जाए।

    SBI

    गिरते रुपये को संभालने का प्रयास

    भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक मुद्रा बाजार में हांगकांग डॉलर, रेनमिनबी और अरब अमीरात दिरहम में तेल और विभिन्न अन्य वस्तुओं का व्यापार देखा जा रहा है।

    SBI ने सवाल किया कि क्या भारत बदलती विश्व व्यवस्था के विश्वसनीय विकल्प के रूप में रुपये को पेश कर सकता है।

    SBI ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार भुगतान को रुपये में निपटाने की एक विधि की भी घोषणा की है। यदि यह सफल होती है तो बड़ी राहत मिलेगी।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    भारतीय रिजर्व बैंक
    स्वतंत्रता दिवस
    भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
    भारतीय रुपये

    ताज़ा खबरें

    हमास गाजा प्रमुख मोहम्मद सिनवार मारा गया, इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने की पुष्टि हमास
    ऋतिक रोशन लेकर आ रहे ये 5 दमदार फिल्में, आपको किसका है इंतजार? ऋतिक रोशन
    'मेट्रो... इन दिनों' का पहला गाना 'जमाना लगे' जारी, अरिजीत सिंह ने दी आवाज सारा अली खान
    अंतरिक्ष में ज्यादातर चीजें क्यों दिखती हैं रंगहीन? यहां जानिए वजह अंतरिक्ष

    भारतीय रिजर्व बैंक

    चेक बाउंस होने पर मिलती है सजा और पेनल्टी, जानें क्या हैं नियम काम की बात
    सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट के पीछे क्या कारण रहे? शेयर बाजार समाचार
    अगले साल से बदलेगा डिजिटल पेमेंट का तरीका, जानें क्या है RBI का नियम व्यवसाय
    छह महीने बाद लागू होगा टोकनाइजेशन सिस्टम, RBI ने दी जानकारी डेबिट कार्ड

    स्वतंत्रता दिवस

    स्वतंत्रता दिवस पर अपना पहला हिंदी गाना 'वंदे मातरम..' लेकर आ रहे टाइगर मनोरंजन
    पतंग के मांझे से उंगली कट जाए तो इन घरेलू नुस्खे को अपनाएं, जल्द होगी ठीक लाइफस्टाइल
    स्वतंत्रता दिवस के एक प्रोजेक्ट में दिखेंगे अमिताभ, श्रद्धा कपूर और सोनाक्षी सिन्हा- रिपोर्ट अमिताभ बच्चन
    पहली बार स्वतंत्रता दिवस से पहले लाल किले के मुख्य दरवाजे के बाहर लगाए गए कंटेनर दिल्ली पुलिस

    भारतीय स्टेट बैंक (SBI)

    RBI ने लगाईं यस बैंक पर पाबंदियां, जानिए इससे जुड़ी सभी बड़ी बातें भारतीय रिजर्व बैंक
    कैसे अर्श से फर्श पर पहुंच गया यस बैंक? भारतीय रिजर्व बैंक
    यस बैंक के ग्राहकों को वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया भरोसा, कहा- आपका पैसा सुरक्षित भारतीय रिजर्व बैंक
    अब घर बैठे दूसरी SBI ब्रांच में ट्रांसफर कर सकते हैं अपना अकाउंट, जानें पूरी प्रक्रिया व्यवसाय

    भारतीय रुपये

    डॉलर के मुकाबले फिर कमजोर हुआ भारतीय रुपया, अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा भारतीय रिजर्व बैंक
    डॉलर के मुकाबले गिरते भारतीय रुपये का आम जिंदगी पर क्या असर पड़ता है? अमेरिका
    अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, शेयर बाजार में भी गिरावट; रिकॉर्ड स्तर पर महंगाई शेयर बाजार समाचार
    एक बार फिर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, डॉलर के मुकाबले 77.69 हुई कीमत अर्थव्यवस्था समाचार
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025