
अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, शेयर बाजार में भी गिरावट; रिकॉर्ड स्तर पर महंगाई
क्या है खबर?
भारतीय रुपये में आज एक बार फिर से डॉलर के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई। भारतीय रुपया आज 0.5 प्रतिशत गिरकर 77.63 के स्तर पर पहुंच गया जो उसके इतिहास का सबसे निचला स्तर है।
इस हफ्ते में ये दूसरी बार है जब भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा है। इससे पहले सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 77.42 के स्तर पर पहुंच गया था, जो आज से सबसे उसकी सबसे कम कीमत थी।
शेयर बाजार
शेयर बाजार में भी भारी गिरावट
आज रुपये के साथ-साथ शेयर बाजार में भी गिरावट देखने को मिली है। मुंबई के BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी 50 दोनों में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है और ये दो महीने के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
सेंसेक्स 2.14 प्रतिशत यानि 1,158.08 पॉइंट गिरकर 52,930.31 के स्तर पर पहुंच गया है, वहीं निफ्टी 359.10 पॉइंट (2.22 प्रतिशत) 15,808 पर पहुंच गया है।
कारण
क्यों दर्ज की गई गिरावट?
शेयर बाजार में ये गिरावट महंगाई को लेकर आने वाले आंकड़ों और रेपो रेट में वृद्धि की आशंका के कारण आई है।
निवेशकों को भारत में महंगाई के और बढ़ने की आशंका है और इसी कारण वे भारत से अपना निवेश निकाल रहे हैं।
इसके अलावा अमेरिका में अप्रैल में महंगाई में बड़ी वृद्धि की खबर भी आई है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट बढ़ा दिया है, जिससे आर्थिक सुस्ती आने की आशंका है।
रुपये में गिरावट
अपने सबसे निचले स्तर पर क्यों है रुपया?
भारतीय रुपये की कीमत गिरने के कई कारण है। इसका एक अहम कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। रूस-यूक्रेन युद्ध और तेल की बढ़ती कीमतों जैसी वजहों से सुरक्षित माने जाने वाले डॉलर में निवेश बढ़ा है।
इसके अलावा भारत से विदेशी निवेश के जाने और घरेलू बाजार में विदेशी निवेश के कम होने का असर भी रुपये पर पड़ा है।
देश में रिकॉर्ड तोड़ महंगाई भी इसका एक बड़ा कारण है।
महंगाई दर
अप्रैल में 7.79 प्रतिशत रही महंगाई दर, सितंबर, 2014 के बाद सबसे ज्यादा
आज आए आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में देश में खुदरा महंगाई दर 7.79 प्रतिशत रही जो सितंबर, 2014 के बाद सबसे अधिक है।
ईंधन और खाद्य पदार्थों की कीमत में वृद्धि के कारण महंगाई दर में ये वृद्धि आई है। अप्रैल में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 8.38 प्रतिशत रही, वहीं ईंधन की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर हैं।
मार्च में देश में महंगाई दर 6.95 प्रतिशत रही थी और खाद्य पदार्थों की कीमत में 7.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
असफलता
RBI को रुपये में गिरावट रोकने के अब तक के प्रयासों में मिली असफलता
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है, हालांकि उसके सारे प्रयास विफल रहे हैं।
पिछले हफ्ते RBI ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की थी और अब ये 4.40 प्रतिशत हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जो एक साल में पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया है।
इसके बावजूद रुपये की गिरावट थमी नहीं है।