छह महीने बाद लागू होगा टोकनाइजेशन सिस्टम, RBI ने दी जानकारी
टोकनाइजेशन सिस्टम को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बड़ी घोषणा की है। RBI ने टोकन सिस्टम लागू करने की डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया है। पहले RBI ने 1 जनवरी, 2022 से टोकनाइजेशन सिस्टम को लागू करने के लिए कहा था। यह सिस्टम इसलिए लागू किया जा रहा था ताकि ऑनलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाया जा सके। सितंबर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की गई थी।
क्या है टोकन सिस्टम?
वर्तमान में डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तो आपको पहली बार कार्ड के 16 नंबर, समाप्ति तिथि, CVV के साथ-साथ वन-टाइम पासवर्ड या लेनदेन पिन जैसी जानकारी देनी होती है। इसके बाद आपकी कार्ड डिटेल सेव हो जाती है और अगली बार आपको बस CVV और वन-टाइम पासवर्ड डालना होता है। नए नियम के मुताबिक 1 जनवरी, 2022 से आपको कार्ड के 16 नंबर, CVV समेत सभी डिटेल्स डालनी होगी या आपको टोकनाइजेशन विकल्प चुनना होगा।
क्या है टोकनाइजेशन की प्रक्रिया?
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान अगर आप टोकनाइजेशन के विकल्प को चुनते हैं तो आपको अपने कार्ड की वास्तविक डिटेल्स को शेयर करना नहीं होता है। टोकनाइजेश के माध्यम में आपके कार्ड की वास्तविक जानकारी की जगह वैकल्पिक कोड दिया जाएगा, जिसे टोकन कहते हैं। हर बार की पेमेंट के लिए अलग-अलग कोड दिया जाएगा। जिसके बाद ही आप पेमेंट कर सकेंगे। इसके लिए समय जरूर लगेगा, लेकिन यह सबसे ज्यादा सुरक्षित प्रक्रिया मानी जा रही है।
अब छह महीने बाद लागू होगा नियम
RBI ने इस नियम की समय सीमा को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब 30 जून, 2022 के बाद यह नियम लागू होगा। इस नियम के लागू होने के बाद सभी कार्ड कंपनी को ग्राहकों का डेटा डिलीट करना पड़ेगा।
उद्योग बॉडी के अनुरोध पर बढ़ी डेडलाइन
नए साल से टोकनाइजेशन की प्रक्रिया शुरु होने वाली थी। इसके मद्देनजर उद्योग संघों के मर्चेंट पेमेंट्स एलायंस ऑफ इंडिया (MPAI) और एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने RBI से बातचीत की। दोनों संगठनों ने RBI के सामने कई चुनौतियों का हवाला दिया। अनुरोध करते हुए ऑनलाइन पेमेंट ट्रांजेक्शन पर टोकनाइजेश प्रक्रिया को आगे बढा़ने की मांग रखी थी। इसके बाद ही RBI ने टोकनाइजेशन डेडलाइन को आगे बढ़ाया है।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
उद्योग निकाय CII के आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 98.5 करोड़ कार्ड का इस्तेमाल हो रहा है। इनसे रोजाना 1.5 करोड़ बार कुल 4,000 करोड़ रुपये का लेनदेन किया जाता है।