सरकार अमेरिका से ऊर्जा आयात बढ़ाने की बना रही योजना, हो सकता है समझौता
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले एक बड़ा उर्जा समझौता होने के संकेत मिल रहे हैं। भारत सरकार इस पर विचार कर रही है कि अमेरिका से ऊर्जा आयात को कैसे बढ़ाया जाए।
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी 12 फरवरी को पहली बार उनसे मुलाकात करेंगे।
इस दौरान इस डील पर प्रमुख तौर पर बातचीत होने की संभावना है। इससे देश में उर्जा उत्पादों की किल्लत खत्म हो जाएगी।
समाधान
अधिकारी निकाल रहे समस्या का समाधान
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों और राज्य संचालित तेल और गैस कंपनियों के अधिकारियों ने अमेरिका से चल रहे ऊर्जा आयात बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की है।
अमेरिका तेल और गैस का सबसे बड़ा उत्पादक है और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक भी है।
यह प्रतिदिन 1.94 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन करता है, जो कुल वैश्विक उत्पादन का 5वां हिस्सा है।
समस्या
तेल आयात में इस कारण आती है परेशानी
अमेरिका में 6,880 करोड़ बैरल के साथ दुनिया का 9वां सबसे बड़ा तेल भंडार है। रूस, इराक, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के बाद यह भारत का 5वां सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक है।
भारत और अमेरिका के बीच काफी दूरी है। इस कारण वहां से LNG का आयात बहुत महंगा पड़ता है।
इस कारण वर्तमान में वहां से इसका बहुत कम आयात किया जाता है। प्रधानमंत्री के दौरे में इस समस्या पर बातचीत की जा सकती है।