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भारत ने पांच महीने पहले किया पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल- मोदी
पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य किया हासिल

भारत ने पांच महीने पहले किया पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल- मोदी

Jun 05, 2022
02:30 pm

क्या है खबर?

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने कहा कि यह मील का पत्थर निर्धारित समयसीमा से पांच महीने पहले हासिल किया गया है। उन्होंने कहा कि 2014 में पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण का प्रतिशत केवल 1.5 प्रतिशत था, जबकि यह अब 10 प्रतिशत हो गया है।

लाभ

प्रधानमंत्री ने गिनाये इसके लाभ

प्रधानमंत्री के अनुसार, इससे 27 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। इस उपलब्धि से देश ने 41,000 करोड़ से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार बचाया है और देश के किसानों ने आय के रूप में 40,000 करोड़ से अधिक की कमाई की है। मोदी ने इस उपलब्धि के लिए किसानों, तेल कंपनियों और उपभोक्ताओं को बधाई देते हुए कहा की देश ने जलवायु परिवर्तन में पर्यावरण की रक्षा के लिए कई बहुआयामी उपाय किए हैं।

इथेनॉल

कहां से आता है इथेनॉल?

जानकारी के लिए बता दें कि इथेनॉल मकई, भांग और आलू आदि फसलों से मिलता है। इसका उपयोग फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल्स (जिन में पेट्रोल और गैसोलीन से बने ईंधन का उपयोग किया जा सकता है) में जैव (कार्बनिक) ईंधन के रूप में किया जा सकता है। इथेनॉल जलने पर कम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ती है। यही कारण है कि अन्य ईंधनों की तुलना में यह कम प्रदूषण फैलाती है। इसलिए सरकार E20 ईंधन का इस्तेमाल करने पर जोर देती रही है।

प्रयास

नितिन गडकरी का कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर जोर

इससे पहले अप्रैल में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ब्राजील के ऊर्जा मंत्री बेंटो अल्बुकर्क से मुलाकात की थी, ताकि दोनों देशों में इथेनॉल के उपयोग और कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर अधिक सहयोग पर जोर दिया जा सके। गडकरी महंगे तेल आयात और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वाहनों को चलाने के लिए ईंधन के रूप में इथेनॉल का उपयोग करने के भी प्रबल समर्थक रहे हैं।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

इथेनॉल में गैसोलीन और डीजल की तुलना में ऊर्जा कम होती है। ईंधन के रूप में जलने पर यह कम पावर देता है। कम पावर मिलने से इंजन अधिक ईंधन की खपत करता है और इससे वाहन के माइलेज पर नकारात्मक असर पड़ता है।