
गूगल ने इस भारतीय-अमेरिकी को रोकने के लिए दिया था 850 करोड़ रुपये का ऑफर
क्या है खबर?
गूगल ने 2011 में भारतीय-अमेरिकी नील मोहन को एक्स जॉइन करने से रोकने के लिए उन्हें 10 करोड़ डॉलर (लगभग 850 करोड़ रुपये) का ऑफर दिया था।
यह खुलासा निखिल कामथ के पॉडकास्ट में हुआ। उस समय मोहन गूगल में विज्ञापन और यूट्यूब उत्पाद रणनीति के अहम पद पर थे।
पॉडकास्ट में यह भी बताया गया कि गूगल ने यह राशि उन्हें नौकरी न छोड़ने के लिए ऑफर की थी। मोहन ने इस दावे का खंडन नहीं किया है।
ऑफर
स्टॉक यूनिट्स में मिला था बड़ा ऑफर
टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल का यह ऑफर सीधे पैसे में नहीं बल्कि स्टॉक यूनिट्स में था, जो कई सालों तक निहित रहती हैं।
गूगल यह ऑफर इसलिए दे रहा था, ताकि मोहन एक्स न जॉइन करें, जहां उनके पूर्व बॉस उन्हें मुख्य उत्पाद अधिकारी बनाना चाहते थे।
उस समय मोहन की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में अच्छी पकड़ बन चुकी थी और उनका भविष्य यूट्यूब की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण था।
करियर
शानदार करियर से बनाई पहचान
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढाई करने वाले मोहन ने अपने करियर की शुरुआत एक्सेंचर में की थी और फिर एक स्टार्टअप 'नेटग्रैविटी' से होते हुए डबलक्लिक पहुंचे।
जब गूगल ने डबलक्लिक को 3.1 अरब डॉलर (लगभग 26,500 करोड़ रुपये) में खरीदा, तब से मोहन गूगल की विज्ञापन टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगे।
2011 तक वे गूगल की उत्पाद नीति में अहम चेहरा बन चुके थे, इसलिए कंपनी ने उन्हें रोकने के लिए भारी रकम देने का फैसला किया।
सुंदर पिचई
सुंदर पिचई को भी रोकने की कोशिश
उसी दौरान एक्स ने गूगल के एक और अधिकारी सुंदर पिचई को भी लुभाने की कोशिश की थी।
उस समय वे क्रोम और क्रोम OS का नेतृत्व कर रहे थे। गूगल ने उन्हें रोकने के लिए लगभग 5 करोड़ डॉलर (लगभग लगभग 430 करोड़ रुपये) के स्टॉक्स का ऑफर दिया था।
आज दोनों दिग्गज टेक इंडस्ट्री में बेहद अहम भूमिका निभा रहे हैं। मोहन यूट्यूब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं और पिचई गूगल व अल्फाबेट दोनों के CEO हैं।