अशनीर ग्रोवर अब कंपनी के संस्थापक नहीं, की जा सकती है कानूनी कार्रवाई- भारतपे

अशनीर ग्रोवर के भारतपे छोड़ने के एक दिन बाद कंपनी ने कहा है कि वो अब न तो उसके कर्मचारी और निदेशक हैं और न ही संस्थापक रहे हैं। बोर्ड ने ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की चेतावनी देते हुए कहा कि अपने गलत कामों की वजह से उन्हें इन सारे पदों से हाथ धोना पड़ा है। गौरतलब है कि विवाद के बीच अशनीर ग्रोवर ने 1 मार्च को कंपनी और इसके बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था।
न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, 1 मार्च को हुई भारतपे के बोर्ड की बैठक में ग्रोवर को निकालने का फैसला लिया गया था। इसमें स्वतंत्र ऑडिट समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई थी। बोर्ड ने दावा किया कि उनके खिलाफ जांच की रिपोर्ट के कुछ नतीजों का पता चलते ही ग्रोवर ने ईमेल के जरिये अपना इस्तीफा दे दिया और लोगों के सामने झूठी कहानी पेश कर दी। इस पर कंपनी ने घोर आपत्ति व्यक्त की है।
कंपनी ने अपने बयान में ग्रोवर परिवार पर कंपनी के फंड के 'गबन' का भी आरोप लगाया है। बयान में कहा गया है कि ग्रोवर परिवार और उनके रिश्तेदारों ने फर्जी वेंडर बनाकर कंपनी के पैसे का हेरफेर किया है। गौरतलब है कि ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन को पहले ही कंपनी से निकाला जा चुका है। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने कंपनी के फंड का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों के लिए किया था।
अशनीर ग्रोवर ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा था कि उन्होंने भारतपे की स्थापना कर इसे बड़ा बनाया। आज कंपनी और उसकी पहचान जो कुछ भी है, वह उनसे नहीं छीनी जा सकती। इसके जवाब में बोर्ड ने कहा कि भारतपे की सफलता किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि समर्पित और प्रतिभाशाली पेशेवरों की एक बड़ी टीम की साझी मेहनत का प्रयास है। बोर्ड ने उम्मीद जताई कि कंपनी सफलता के नए रास्ते पर बढ़ रही है।
अशनीर को कोटक महिंद्रा बैंक स्टाफ से आपत्तिजनक भाषा में बात करने और धोखाधड़ी करने जैसे आरोपों के बाद छुट्टी पर भेजा गया था, जिनसे उन्होंने इनकार किया है। इससे पहले अशनीर और उनकी पत्नी ने बैंक पर आरोप लगाया था कि उन्हें नायका की इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लॉन्च के बाद 500 करोड़ रुपये के शेयर दिलाने का वादा किया गया था, जो पूरा नहीं हुआ। भारतपे बोर्ड और अशनीर के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई थी।
भारतपे की शुरुआत 2018 में हुई थी। पिछले साल भारतपे ने सेंट्रल फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ ज्वॉइंट वेंचर (JV) में पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव को हासिल करने के बाद बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश किया था। JV को भारतीय रिजर्व बैंक से स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिल चुका है। भारतपे ने इक्विटी और कर्ज के रूप में 650 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया है और इसके निवेशकों में टाइगर ग्लोबल, स्टीडफास्ट कैपिटल, रिब्बीट कैपिटल समेत कई बड़े नाम शामिल हैं।