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#NewsBytesExplainer: पढ़ाई के साथ कैसे काम करते हैं बाल कलाकार, क्या कहते हैं नियम?
बाल कलाकारों को लेकर क्या है नियम?

#NewsBytesExplainer: पढ़ाई के साथ कैसे काम करते हैं बाल कलाकार, क्या कहते हैं नियम?

Nov 06, 2023
08:45 am

क्या है खबर?

बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक, बच्चे मनोरंजन जगत का अहम हिस्सा हैं। कई फिल्मों में बच्चों की अहम भूमिका होती है, तो कई टीवी शो बच्चों के किरदार पर आधारित होते हैं। बच्चों के कई रिएलिटी शो भी खूब लोकप्रिय हैं। ऐसे में आपके भी मन में यह सवाल आता होगा कि ये बच्चे अपनी पढ़ाई कैसे करते हैं। आइए, विस्तार से समझते हैं बाल कलाकार कैसे काम करते हैं और क्या कहते हैं नियम।

पढ़ाई 

सेट पर होती है पढ़ाई

लंबे चलने वाले टीवी शो के बाल कलाकार अपना अधिकतर समय सेट पर ही गुजारते हैं। ऐसे में उनके अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना होता है कि इसका प्रभाव उनकी पढ़ाई पर न पड़े। अधिकांश बाल कलाकार सेट पर ही ट्यूटर से पढ़ते हैं और परीक्षा देने के लिए स्कूल में जाते हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के निर्देश के अनुसार, मनोरंजन जगत में काम करने वाले बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए।

अनुमति

जिला मजिस्ट्रेट से लेनी होती है अनुमति

NCPCR के नियम के अनुसार, किसी भी बच्चे को कास्ट करने से पहले प्रोडक्शन हाउस को जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी और उनका पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण 6 महीने के लिए वैध होते हैं। जो भी स्टाफ शूटिंग में बच्चों की सहायता के लिए नियुक्त होता है, उसे भी अपना फिटनेस सर्टिफिकेट जमा करना होता है। इसके अलावा नियम के अनुसार, ऐसे स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन होना भी जरूरी है।

कंटेंट

बच्चों से नहीं बनवा सकते ऐसे कंटेंट

निर्देश के अनुसार, शूटिंग में बच्चों को ऐसी परिस्थिति में नहीं डाल सकते हैं, जो अनुचित हो, उन्हें परेशान या शर्मिंदा करने वाला हो। बच्चों से असभ्य और अनुचित दृश्यों की शूटिंग नहीं करवाई जानी चाहिए। बच्चे उन दृश्यों में शामिल नहीं हो सकते हैं, जिसमें नग्नता या अश्लीलता दिखाई गई हो। बच्चों को अपने शरीर का प्रदर्शन करने के लिए नहीं कहा जा सकता है। उनसे ऐसा कंटेंट नहीं बनवा सकते हैं, जिसे उन्हें देखने की इजाजत नहीं है।

माहौल

एक दिन में कितने घंटे काम कर सकते हैं बच्चे?

कामकाज के दौरान बच्चों को सुरक्षित माहौल देने पर NCPCR का खासा जोर है। बच्चों के तैयार होने की जगह वयस्कों से अलग होनी चाहिए। खासकर, विपरीत लिंग के कलाकारों के साथ उन्हें तैयार करना सख्त मना है। बच्चों से 5 घंटे प्रतिदिन ही काम करवाया जा सकता है। उन्हें 3 घंटे से ज्यादा लगातार काम करने की भी मनाही है। बच्चों की कमाई का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा उनके नाम के फिक्स्ड डिपोजिट में जमा होनी चाहिए।

मीडिया 

मीडिया के लिए भी खास निर्देश

बाल कलाकारों से संबंधित खबर की रिपोर्टिंग करने के लिए NCPCR का मीडिया को भी निर्देश है। किसी भी अपराध में पीड़ित बच्चे या किशोर की पहचान जाहिर नहीं की जानी चाहिए। बच्चों से जुड़ी खबरों में मीडिया को संवेदनशीलता बरतनी जरूरी है और उन्हें सनसनीखेज नहीं बनाया जाना चाहिए। आर्थिक लाभ के लिए बनाए गए सोशल मीडिया कंटेंट में उपस्थित बच्चों को बालक और कुमार श्रम अधिनियम के तहत परिवारिक व्यवसाय में शामिल माना जाएगा।

जानकारी

न्यूजबाइट्स प्लस

बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था CRY के सर्वे के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करते हुए कई कंपनियां बच्चों से 12 घंटे भी काम करवाती हैं। अभिभावकों द्वारा साइन किए गए अनुबंध में अधिकांश कंपनी के हित की बातें शामिल होती हैं।