
#NewsBytesExpainer: वाहनों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम क्या होता है और कैसे काम करता है?
क्या है खबर?
भारतीय बाजार में जितनी भी प्रीमियम कारें मौजूद हैं, उन सभी में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) मिलता है। यह टायर प्रेशर की जानकारी ड्राइवर को देता है।
पहले TPMS केवल महंगी गाड़ियों में मिलता था, लेकिन अब महिंद्रा एंड महिंद्रा, किआ और टाटा मोटर्स जैसी कई कंपनियां इसे बजट सेगमेंट की गाड़ियों में भी जोड़ रही हैं।
आज हम आपके लिए TPMS के बारे में जानकारी लाए हैं।
आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
TPMS
क्या होता है TPMS?
TPMS लेटेस्ट गाड़ियों में मिलने वाला ऐसा फीचर है, जो ड्राइवर को कार के टायर में मौजूद एयर प्रेशर की जानकारी देता है और उसे ड्राइविंग के दौरान टायर प्रेशर पर नजर रखने में मदद करता है।
अगर टायर का प्रेशर कम हो जाता है या जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो यह ड्राइवर को पहले ही सावधान कर देता है। इससे वाहनों को बेहतर सुरक्षा मिलती है और टायर फटने की आशंका भी कम रहती है।
काम
कैसे काम करता है TPMS?
TPMS कई सेंसर, रिसीवर और डिस्प्ले यूनिट से मिलकर बना होता है।
ये सेंसर्स हर टायर के वाल्व स्टेम से कनेक्टेड होते हैं या टायर प्रेशर वाल्व के अंदर फिट किए जाते हैं। ये लगातार टायर्स के एयर प्रेशर को मॉनिटर करते हैं।
फिर सेंसर से जानकारी को रिसीवर तक ट्रांसमिट किया जाता है। इसके बाद इस जानकारी को डिस्प्ले यूनिट पर भेजा जाता है। इस तरह ड्राइवर को हर टायर के प्रेशर की जानकारी मिलती रहती है।
जरूरत
TPMS की जरूरत क्यों पड़ी?
कई बार जब कार के टायर में किसी तरह की दिक्कत आती है तो इसके बारे में ड्राइवर को तब नहीं पता चलता है, जब तक कि वे खुद कार से उतरकर टायर की जांच न कर लें।
वहीं कार के टायर को मैनुअली चेक करवाने में कई बार टायर खराब हो जाता है और अधिक समय भी लगता है।
ऐसी समस्या न हो इसके लिए वाहन कंपनियां अब कारों में TPMS ऑफर कर रही हैं।
प्रकार
2 तरह के होते हैं टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम
TPMS दो तरह के होते हैं। पहला डायरेक्ट और दूसरा इनडायरेक्ट।
डायरेक्ट TPMS- इसमें एक साधारण प्रेशर मॉनिटर का इस्तेमाल करके गाड़ी के टायरों की जानकारी प्राप्त की जाती है। इसमें सेंसर्स को टायर वाल्व के अंदर फिट किया जाता है। ये हर टायर का अलग-अलग प्रेशर मॉनिटर करके देता है।
इनडायरेक्ट TPMS- इसमें सेंसर्स को वाल्व के ऊपर लगाया जाता है और यह हर टायर का प्रेशर अलग-अलग बताने के बजाय एक साथ बताता है।
फायदे
क्या है TPMS के फायदे?
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम कार को दुर्घटना से बचाता है। दरअसल, कई बार जब कार तेज रफ्तार में होती है और टायर फट जाता है या पंक्चर हो जाता है तो ऐसे में चालक का कार पर नियंत्रण नहीं रहता और इससे दुर्घटना होने की संभावना रहती है।
TPMS कार के पंक्चर होने की जानकारी तुरंत चालक को देता है, जिससे समय रहते गाड़ी को रोका जा सकता है और परेशानी से बचा जा सकता है।
गाड़ियां
क्या हर गाड़ियों में मिलता है TPMS?
TPMS अभी एंट्री लेवल कारों में ऑफर नहीं किया जा रहा है। फिलहाल ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा इसे एक खास रेंज और सेगमेंट की कारों में ही जोड़ा गया है। इसके पीछे वजह ये है कि इससे कार की लागत बढ़ जाती है।
ऐसे में कार निर्माता कंपनियां एंट्री लेवल कारों की लागत कम रखने के लिए उसमें ये फीचर नहीं ऑफर करती। इस फीचर को कार में आफ्टरमार्केट एक्सेसरीज के तौर पर भी असेम्बल करवाया जा सकता है।
गाड़ियां
भारत में TPMS वाली गाड़ियां
भारतीय बाजार में उपलब्ध कई गाड़ियों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम मिलता है। निसान मैग्नाइट, हुंडई i20, टाटा नेक्सन, हुंडई क्रेटा, होंडा सिटी, हुंडई वेन्यू, महिंद्रा XUV300, किआ सॉनेट और महिंद्रा थार जैसी गाड़ियों में यह फीचर मिलता है।
वहीं ऑडी और BMW जैसी लग्जरी कंपनियां अपनी हर गाड़ियों में TPMS देती हैं।
मारुति स्विफ्ट, अर्टिगा, टाटा टियागो और रेनो क्विड जैसी कई एंट्री लेवल गाड़ियों में यह फीचर नहीं मिलता।