2050 तक मर्सिडीज-बेंज की कोई कार नहीं होगी दुर्घटना की शिकार, जानिए कंपनी की योजना
क्या है खबर?
मर्सिडीज-बेंज अपनी कारों के लिए एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिसकी मदद से 2050 तक कंपनी की कोई भी कार सड़क दुर्घटना की शिकार नहीं होगी।
कंपनी ने इस मिशन को "विजन जीरो" नाम दिया है। कंपनी अलग-अलग सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार का सुझाव देने के साथ-साथ ऑटोनोमस ड्राइविंग तकनीक विकसित करके एक दुर्घटना-मुक्त भविष्य बनाने की योजना बना रही है।
वर्तमान में कंपनी की गाड़ियां लेवल-2 ADAS तकनीक के साथ आती हैं।
जानकारी
क्या है विजन जीरो?
विजन जीरो मर्सिडीज-बेंज की नई योजना है, जिसे 2050 तक कंपनी की कारों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को समाप्त करने के लिए बनाया गया है।
कंपनी हाल के वर्षों में दुर्घटना की संभावना को काफी कम करने के लिए विभिन्न ड्राइवर-सहायता तकनीक और ऑटोनोमस ड्राइविंग तकनीक को लगातार विकसित कर रही है।
इसके साथ ही कंपनी 1969 से दुर्घटनाओं का भी मूल्यांकन कर रही है और इसके बुनियादी ढांचे में सुधार का सुझाव दे रही है।
सेफ्टी फीचर्स
अपने सेफ्टी फीचर्स को भी लगातार अपडेट कंपनी
मर्सिडीज-बेंज को अलग-अलग सेफ्टी फीचर्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल (एंटी-स्लिप रेगुलेशन), ऑटोमैटिक आपातकालीन ब्रेकिंग, रडार-आधारित अडैप्टिव क्रूज कंट्रोल सहित कई तकनीकों में अग्रणी माना जाता है। ये सभी फीचर्स लगभग कंपनी की हर गाड़ियों में उपलब्ध है।
कंपनी ने 1970 के दशक की शुरुआत से इनमें से कुछ सुरक्षा उपायों को लागू किया है। इन फीचर्स ने कई बार हादसे के दौरान मरने वालों की संख्या को कम करने में काफी मदद की है।
सड़क हादसे
2021 में देश में सड़क हादसों में हुई हैं 1.73 लाख मौतें
भारत में सड़क हादसों और उनसे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है।
साल 2021 में देश में यातायात संबंधी करीब 4.22 हादसे हुए हैं। इनमें 4,03,116 सड़क हादसे, 17,993 रेल और 1,550 रेलवे क्रॉसिंग हादसे शामिल है। इन हादसों में 1,73,860 लोगों की मौत हुई है।
हादसों की यह संख्या साल 2020 में हुए हादसों की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
जानकारी
यातायात संबंधी हादसों में हुई मौत के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में देश में घटित कुल यातायात संबंधी हादसों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 14.2 प्रतिशत, तमिलनाडु में 9.6 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 9.5 प्रतिशत मौतें हुई है।
ऐसे में देशभर में हुई कुल मौतों में से 33.3 प्रतिशत यानी 57,842 मौतें इन तीनों राज्यों में दर्ज की गई है।
इसी तरह पिछले साल हादसों में 3,73,884 लोग सामान्य और गंभीर रूप से घायल हुए हैं।