अब पंक्चर नहीं होगा आपकी कार का टायर, शुरू हुई एयरलेस टायर की टेस्टिंग
क्या है खबर?
यह बात हम सभी जानते हैं कि अब वाहनों में ट्यूबलेस टायर का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये पंक्चर भी हो जाएं तो कुछ किलोमीटर तक इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा टायर भी हो सकता है जो कभी पंक्चर ही ना हो। अगर नहीं तो आपको बता दें कि गुडईयर और मिशेलिन जैसी टायर बनाने वाली कंपनियां ऐसा एयरलेस टायर बना चुकी हैं, जो कभी पंक्चर नहीं होगा।
टायर
क्या होते हैं एयरलेस टायर?
एयरलेस टायर को खास तौर से इस तरह डिजाइन किया गया है कि इनमें हवा भरवाने की जरूरत ही नहीं है।
इन टायरों के अंदर रबड़ के स्पोक्स और बेल्ट का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, वाहनों का भार उठाने के लिए इनमें पतले और मजबूत फाइबर ग्लास का इस्तेमाल किया गया है।
इन टायरों की सबसे बड़ी खासियत है कि ये कभी पंक्चर नहीं होते और इनसे टायर फटने के दौरान हुए हादसों को रोका जा सकता है।
ट्विटर पोस्ट
टेस्ला गाड़ियों में टेस्ट किये जा रहे एयरलेस टायर
These are airless tires from @goodyear being tested on a @Tesla. @elonmusk pic.twitter.com/3dnI1PwawX
— Vala Afshar (@ValaAfshar) October 22, 2022
जानकारी
क्यों खास है एयरलेस टायर?
दरअसल ट्विटर पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें टेस्ला की गाड़ियों को एयरलेस टायर के साथ टेस्टिंग करते स्पॉट किया गया है।
दावा किया जा रहा है कि कारों में लगने वाले स्टैंडर्ड टायर के मुकाबला इस अनोखे टायर की उम्र भी काफी ज्यादा होगी।
इस टायर से ना सिर्फ दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि इसकी लाइफ ज्यादा होने के चलते इन्हे स्क्रैप भी कम संख्या में किया जाएगा।
टायर
सबसे पहले मिशेलिन बना चुकी है एयरलेस टायर
जानकारी के लिए आपको बता दें कि गुडईयर से काफी पहले मिशेलिन एयरलेस टायर की टेस्टिंग कर चुकी है। कंपनी ने इस टायर को 2019 में ही लॉन्च कर दिया था।
इसे जनरल मोटर और मिशेलिन ने साथ में मिलकर बनाया है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल जनरल मोटर की नई शेवरोले बोल्ट में किया गया। वहीं, कई अन्य गाड़ियों में इसकी टेस्टिंग हो चुकी है।
आने वाले कुछ सालों में एयरलेस टायर को हर गाड़ियों में शामिल किया जाएगा।
नुकसान
क्या एयरलेस टायर के नुकसान भी हैं?
वैसे तो टायर बनाने वाली कंपनियां एय टायर को लेकर बड़े-बड़े दावे करती आ रही हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो इनके कई नुकसान भी हो सकते हैं।
कई एक्सपर्ट ने यह दावा किया है कि एयरलेस टायर का असर गाड़ियों की माइलेज पर पड़ेगा। वहीं, अभी तक इस बारे में भी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि स्टैंडर्ड टायर की तुलना में इनकी उम्र कितनी ज्यादा है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
असल में टायर बनाने के लिए जिस रबड़ का इस्तेमाल होता है, वह सफेद रंग की होती है। हालांकि सिर्फ रबड़ के बने टायर तो शायद वाहन के वजन को कुछ दूर के लिए भी न झेल पाएं।
जाहिर सी बात है टायर गाड़ियों का बेहद जरूरी हिस्सा होते हैं। ऐसे में रबड़ को मजबूती देने के लिए इसमें बहुत से मटेरियल मिलाए जाते हैं और इस वजह से इनका रंग काला हो जाता है।