#NewsBytesExplainer: इलेक्ट्रिक वाहनों में क्यों नहीं मिलते सोलर पैनल?
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक कार की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है। ट्रेंड में आए इस बदलाव को लेकर कई ऑटो निर्माता भी काफी उत्साहित हैं। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के खरीदारों की सबसे बड़ी चिंता सिंगल चार्ज पर इनकी ड्राइविंग रेंज को लेकर रहती है, क्योंकि इन्हें हर जगह चार्ज नहीं किया जा सकता और इसमें वक्त भी लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इलेक्ट्रिक गाड़ियों में सोलर पैनल का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता?
दशकों पहले शुरू हो गया था सोलर कार पर काम
ऐसा नहीं है कि कंपनियां सोलर कार पर काम नहीं कर रही हैं। 1962 में सबसे पहले सोलर कार पर काम शुरू किया गया था, लेकिन कई समस्याओं के कारण अभी तक यह तकनीक सफल नहीं हो पाई है। इलेक्ट्रिक वाहन में सोलर पैनल लगाने के बाद भी बैकअप के लिए चार्जिंग पोर्ट देना मजबूरी हो जाती है और इस वजह से यह तकनीक कार ग्राहकों और कार निर्माता कंपनियों को कुछ खास पसंद नहीं आई।
सोलर पैनल से नहीं मिलती चार्जिंग के लिए पर्याप्त ऊर्जा
आपको बता दें कि किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए उचित पावर की जरूर होती है। बिजली की तुलना में सोलर पैनल 15 से 20 प्रतिशत तक ही पावर जनरेट करता है। ऐसे में गाड़ियों में सोलर पैनल लगाने से बैटरी को चार्ज होने में अधिक समय लग सकता है। वहीं खराब और कम सूरज की रोशनी में चार्जिंग रुक भी सकती है। इस वजह से अभी भी सोलर कार पर काम चल रहा है।
बिल्ड क्वालिटी पर पड़ता है असर
वर्तमान में हो रहे सड़क हादसों को देखते हुए कार निर्माता कंपनियां अपने वालों के मजबूती पर ध्यान दे रही है। इलेक्ट्रिक वाहन पर सोनल पैनल लगाने से इनके बिल्ड क्वालिटी पर असर पड़ सकता है, जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। गाड़ियों में सोलर पैनल लगाने से इलेक्ट्रिक कार का वजन भी बढ़ सकता है और इससे गाड़ी की रेंज में गिरावट भी आ सकती है।
सोलर पैनल बढ़ा सकते हैं इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत
इलेक्ट्रिक गाड़ियां सामान्य पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की तुलना में थोड़ी महंगी होती हैं। ऐसे में इनमें सोलर पैनल लगाने से इनके उत्पादन में लगने वाली लागत में बढ़ोतरी होगी और इस वजह से इनमें दाम और बढ़ेंगे। भारत में मौजूद किफायती इलेक्ट्रिक गाड़ियों में सोलर पैनल लगाने से ये अधिक महंगी हो जाएंगी। इससे बेहतर है कि ग्राहक इसे कम पैसे देकर अपने घर या किसी चार्जिंग स्टेशन से चार्ज कर लें।
तैयार हो चुकी है दुनियां की पहली सोलर कार
जर्मनी की एक कार कंपनी सोनो मोटर्स ने सौर ऊर्जा से चलने वाली सियोन कार बना चुकी है। कंपनी ने इस कार के प्रोटोटाइप को 2018 में पेश किया था। अब कंपनी इसका उत्पादन शुरू करने वाली है। इसमें लगभग 456 सोलर पैनल लगे हुए हैं। ये पैनल कार चलाते वक्त अपने आप चार्ज होते रहेंगे। यह कार एक बार फुल चार्ज होने पर 300 किलोमीटर सफर करने में सक्षम होगी। इसमें लेटेस्ट फीचर्स के साथ अपमार्केट 6-सीटर केबिन मिलेगा।
नीदरलैंड की EV कंपनी भी बना रही सोलर कार
नीदरलैंड की EV निर्माता कंपनी लाइटईयर ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक कार तैयार की है, जिसकी बैटरी बिजली के साथ-साथ सोलर पावर से भी चार्ज हो सकेगी। इसके लिये इसकी छत पर सोलर पैनल लगा होगा। कंपनी ने इस कार को 'लाइटईयर 0' नाम दिया है, क्योंकि इसे चार्ज करने के लिये कोयले से बनने वाली बिजली की भी आवश्यकता नहीं है। यह पूरी तरह प्रदूषण मुक्त कार होगी।