कार के गियरबॉक्स से मिलने वाले इन संकेतों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी
इंजन के बाद गियरबॉक्स कार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह इंजन से कार के पहियों तक को पावर देने का काम करता है। इतना महत्वपूर्ण पार्ट होने के बावजूद हम अक्सर गियरबॉक्स को तब तक नजरअंदाज कर रहते हैं जब तक कि यह पूरी तरह से खराब न हो जाये। हालांकि, खराब होने से पहले यह अक्सर कुछ संकेत देता है, जो नीचे दिये गए हैं। इन्हें पहचानने से आप महंगी मरम्मत के खर्चे से बच सकते हैं।
पावर की कमी
गियरबॉक्स के साथ सबसे आमतौर पर आने वाली दिक्कतों में से एक है पावर की कमी, जिसके परिणामस्वरूप सामान्य स्थिति या जगह पर भी कार को गति नहीं मिल पाती है। यह ट्रांसमिशन बॉक्स के काम नहीं करने के कारण होता है। यदि गियर लगाने पर इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर में RPM (रोटेशन प्रति मिनट) बढ़ जाता है, लेकिन कार मुश्किल से आगे बढ़ पाती है तो यह क्लच प्लेट के खराब होने का एक इशारा है।
तेल का रिसाव
इस प्रकार की समस्या भी गियरबॉक्स के साथ बहुत अधिक पाई जाती है। हालांकि यह आसानी से पकड़ में आ सकती है। गियरबॉक्स इंजन का ही एक भाग होता है, कार में डाला गया इंजन ऑयल गियर शिफ्ट को भी सुगम बनाने का काम करता है। अक्सर देखा गया है कि यह ऑयल किसी ढीले नट-बोल्ट, टूटी हुई सील या ट्रांसमिशन केसिंग में दरार आदि के कारण लीक हो जाता है, जिससे गियरबॉक्स काम करने में मुश्किल करता है।
जलने की गंध
कार के केबिन के अंदर जलन वाली गंध भी गियरबॉक्स में खराबी का संकेत हो सकती है। यह एग्जॉस्ट पाइप पर तार इंसुलेशन के जलने, एग्जॉस्ट पाइप में तेल के लीक होने, गियरबॉक्स के गर्म होने या गलत प्रकार के ट्रांसमिशन ऑयल के उपयोग के कारण हो सकता है। ऐसी गंध को कभी नजरअंदाज न करें, इसका तुरंत पता लगा कर समस्या का समाधान करें। अन्यथा कार किसी दुर्घटना का भी शिकार हो सकती है।
गियर शिफ्ट के दौरान शोर
गियरशिफ्ट के दौरान क्लंकिंग या भिनभिनाहट का शोर होना गियरबॉक्स के खराब होने का संकेत होता है। आमतौर पर गियर बियरिंग के घिस-पिट जाने के कारण होता है। हालांकि, कभी-कभार यह समस्या गियरबॉक्स में तेल की कमी के कारण भी सामने आती है। इस तरह की समस्या को अनदेखा करने से गियर शिफ्टर लिंकेज रॉड को बहुत अधिक नुकसान पहुंच सकता है, जिसके परिणामस्वरूप गियर बदलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मैनुअल गियरबॉक्स वाली गाड़ियों को चलाने का मजा ही अलग है। ये ऑटोमैटिक गाड़ियों की तुलना में बेहतर परफॉरमेंस और माइलेज भी देती हैं। हालांकि, इन्हे चलाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिये, इनसे आपका बड़ा नुकसान होने से बच सकता है। पैर को रखें क्लच से दूर, सिग्नल पर गियर में ना रखें कार, पहाड़ी इलाकों पर क्लच की जगह हैंडब्रेक का करें उपयोग ढलान से उतरते समय पहले गियर में रखें कार।