कैसे पुरानी कार खरीदना भी हो सकता है फायदे का सौदा?
कोरोना महामारी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर पर बुरा प्रभाव डाला है, जिससे नई कारों का वेटिंग पीरियड बढ़ने लगा है। भारतीय बाजार में अब गाड़ियों की मांग काफी बढ़ गई है, वहीं दूसरी तरफ इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स की कमी के कारण कंपनियां नई कारों की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में पुराने वाहन खरीदना लोगों के लिए आसान विकल्प बन गया है। आइये पुराने कार खरीदने से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
क्या आप जानते हैं?
यूनाइटेड किंगडम (UK) में लोग कुछ चुनिंदा पुरानी गाड़ियों को उसके शोरूम से भी अधिक की कीमत पर खरीद रहे हैं। डिलीवरी की समयसीमा को पूरा करने के लिए कुछ निर्माताओं ने कम सुविधाओं वाले वाहनों की शिपिंग शुरू कर दी है। भारत में 2020 में पुराने वाहनों की बिक्री 2019 की तुलना में लगभग दोगुनी हो गई है। सेकेंड-हैंड वाहन वर्तमान में बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और अगले साल इनकी मात्रा और बढ़ सकती है।
लगातार बढ़ रहे हैं नए वाहनों के दाम
मारुति, मर्सिडीज-बेंज और ऑडी जैसी कंपनियों ने जनवरी से अपनी चुनिंदा कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है। यह फैसला वाहनों को बनाने में लगातार बढ़ती लागत के कारण लेना पड़ा है। उम्मीद है कि कई अन्य कंपनियां भी अगले कुछ दिनों में वाहन की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। हालांकि इससे दिसंबर में वाहनों की बिक्री में तेजी आ सकती है। बढ़ती कीमतों की मार से बचने के लिए कुछ लोग पुरानी गाड़ियां खरीद लेते हैं।
सेमीकंडक्टर की कमी से गाड़ियों की मांग पूरी नहीं कर पा रही कंपनियां
पूरा विश्व कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है। इस वजह से लंबे समय तक दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति रही और लगभग सभी कारोबार बंद थे। सेमीकंडक्टर निर्माण करने वाली कंपनियां भी महामारी से प्रभावित हुई और उनके उत्पादन में असर पड़ा, जिस वजह से दुनिया में सेमीकंडक्टर की कमी आई है। सेमीकंडक्टर की कमी के कारण विश्वभर में वाहन के मांग को पूरा करने में दिक्कते आ रहीं है। ऐसे में पुरानी कार खरीदना बेहतर साबित हो सकती हैं।
बढ़ते वेटिंग पीरियड के कारण करना पड़ रहा है इंतजार
भारत में कुछ लोकप्रिय कारों का वेटिंग पीरियड लगभग 10 महीने तक होता है। इनमें केवल छोटे वाहन ही नहीं बल्कि कुछ मिड साइज SUVs भी शामिल हैं। हालांकि पुरानी गाड़ियां खरीदने वालों को नए वेरिएंट्स तो नहीं मिल पाते, लेकिन उन्हें बिना महीनों इंतजार किये कार मिल जाती हैं। रिपोर्ट बताती है कि ग्राहक किसी ब्रांड के नए वेरिएंट्स के लिए महीनों तक प्रतीक्षा करने के बजाय एक विश्वसनीय सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं।
निजी कंपनियां दे रही हैं सेकेंड हैंड गाड़ियों पर आकर्षक ऑफर
एक समय था जब सेकेंड हैंड गाड़ियों को संदिग्ध माना जाता है या जहां ठगी की संभावना अधिक होती थी। हालांकि, उचित कारणों से यह सही भी था क्योंकि यह क्षेत्र पहले बहुत ही अनियंत्रित था। लेकिन अब कई निजी कंपनियां न केवल मॉडल और आकर्षक डील के विकल्प पेश करने के लिए मजबूत कदम उठा रही हैं बल्कि वारंटी द्वारा समर्थित उत्पाद के लिए ट्रांसपैरेंट लेनदेन का भी ध्यान रख रही हैं।