आग लगने की बढ़ती घटनाओं के बीच ओला ने वापस बुलाए 1,400 से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटर्स

इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में एक के बाद एक आग लगने की कई घटना सामने आई है, जिसके बाद निर्माता कंपनियां सतर्क हो गई है। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि लापरवाही बरतने वाली कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ कार्रवाई भी की जाएगी। इसके बाद ओला इलेक्ट्रिक ने अपने S1 और S1 स्कूटरों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। रिकॉल प्रक्रिया में कुल 1,441 इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया गया है।
ओला इलेक्ट्रिक ने कहा, "उसके बैटरी सिस्टम पहले से ही दिए गए गाइडलाइन्स के मुताबिक हैं और यूरोपीय मानक ECE 136 के अनुरूप होने के अलावा भारत के लिए नए प्रस्तावित मानक AIS 156 के हिसाब से भी बनाए गए हैं। हालांकि, पुणे में 26 मार्च को हुई आग की घटना की जांच जारी है और प्रारंभिक मूल्यांकन में पाया गया कि यह एक अलग घटना थी। इसलिए इन स्कूटरों का हमारे सर्विस इंजीनियरों द्वारा टेस्ट किया जाएगा।"
हाल ही दिनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में कई आग लगने की घटना सामने आई है। पहली घटना ओला S1 प्रो स्कूटर में हुई थी, जिसमें सड़क किनारे खड़े स्कूटर से धुआं निकलता देखा गया जो बाद में भीषण आग में बदल गया। वहीं, अन्य घटना में एक ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई, जिसमें पिता और पुत्री की मौत हो गई थी। इसके आलवा जितेंद्र EV के 40 में से 20 इलेक्ट्रिक स्कूटर में जल चुके हैं।
हाल ही में प्योर EV के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई। इस घटना में एक 80 वर्षीय व्यक्ति की जान चली गई और दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना के बाद कंपनी अपने एंट्रांस प्लस और ई-प्लूटो 7G स्कूटरों की 2,000 यूनिट्स की वापस बुला रही है। कंपनी की मानें तो सभी स्कूटरों के बैटरी की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर इन्हे रिप्लेस भी किया जाएगा।
आग लगने की घटनाओं का पता लगाने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को रिकॉल करने के बजाए इस मामले में DRDO और भारतीय विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट का इंतजार किया है। बता दें कि सरकार ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के तहत आने वाले सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में आग लगने की परिस्थितियों की जांच करने और इसके बचाव के उपायों का सुझाव देने के लिए कहा है।