ओला के सर्विस सेंटर्स की होगी ऑडिट, जानिए क्या है मामला
उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, अब भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता पर दबाव बढ़ाते हुए कंपनी के सर्विस सेंटर्स के ऑडिट का आदेश दिया है। मंत्रालय ने ऑडिट का जिम्मा ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) को सौंपा है, जो उसकी एक परीक्षण और प्रमाणन एजेंसी है।
प्रोत्साहन के लिए जरूरी है शर्तों का पालन
एक अधिकारी ने बताया कि उद्योग मंत्रालय ने ऑडिट का आदेश इसलिए दिया है ताकि, यह सुनिश्चित किया जा सके कि ओला अपने सर्विस सेंटर्स पर वारंटी के मुताबिक ग्राहकों को सेवाएं दे रही है या नहीं। सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन के लिए पात्र होने के लिए ओला को शर्तों को पूरा करना होगा। बता दें, ओला प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और अन्य प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाती है।
उल्लंघन मिलने पर होगी यह कार्रवाई
मंत्रालय ने ARAI को लिखे एक पत्र में कहा, "ओला इलेक्ट्रिक इस योजना के तहत एक लाभार्थी है, जिसका पात्रता प्रमाण पत्र ARAI द्वारा जारी किया गया है। इसलिए, आपसे अपनी टिप्पणियां प्रदान करने का अनुरोध किया जाता है।" ARAI की ऑडिट के बाद सरकार उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई तय करेगी। जानकार अधिकारी का कहना है कि यदि शर्तों का उल्लंघन पाया गया तो सरकारी कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने की ओला की पात्रता प्रभावित हो सकती है।
10,000 से ज्यादा ग्राहकों ने की थी शिकायत
सरकार को सितंबर, 2023 से अगस्त, 2024 के बीच देरी से और असंतोषजनक सर्विसेज के साथ गलत चालान जैसे मामलों को लेकर ओला के खिलाफ 10,000 से अधिक शिकायतें मिली थीं। इसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ओला को एक कारण बताओ नोटिस भेजा है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने राइटर्स को बताया कि इतनी संख्या में शिकायतें होने के कारण यह कदम उठाया गया। बार-बार इसी तरह की शिकायतें आ रही हैं।