
इलेक्ट्रिक वाहनों में आग की घटनाओं को लेकर सरकार सख्त, जुर्माने के साथ कार्रवाई की तैयारी
क्या है खबर?
इन दिनों इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में कई आग लगने की घटना सामने आई है। इसे गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने पहले ही एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है और अब इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार चूक करने वाली कंपनियों के खिलाफ आवश्यक आदेश जारी करेगी।
इसके आलवा लापरवाही बरतने वाली कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने के साथ-साथ कार्रवाई भी की जाएगी।
बयान
विशेषज्ञों की कमेटी का हुआ है गठन- गडकरी
नितिन गडकरी ने ट्विटर पर लिखा, 'दो महीनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों से जुड़ी कई दुर्घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं में कुछ लोगों की जान गई है और कई लोग घायल हुए हैं। इसलिए हमने इन घटनाओं की जांच के लिए एक विशेषज्ञों की कमेटी का गठन किया है और हर उचित कदम उठाने के आदेश दिया है।'
कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार आवश्यक आदेश जारी करेगी।
रिकॉल
हो सकती है रिकॉल की प्रक्रिया भी
गडकरी ने कहा, "रिपोर्टों के आधार पर हम चूक करने वाली कंपनियों को आवश्यक आदेश जारी करेंगे और जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देश जारी करेंगे।"
इसके तहत अगर कोई कंपनी अपनी प्रक्रियाओं में लापरवाही बरतती है, तो उसपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सभी खराब वाहनों को वापस बुलाने का आदेश दिया जाएगा। इसके आलवा मंत्री ने कंपनियों से इस मामले में सक्रिय कार्रवाई करने का आग्रह भी किया है।
जांच
जांच के घेरे में आ सकती हैं ये कंपनियां
आपको बता दें कि इन घटनाओं के कारण कई कंपनियां जांच के में आ सकती है।
सबसे पहले ओला S1 प्रो स्कूटर की बैटरी से धुआं निकलता देखा गया जो बाद में भीषण आग में बदल गया।
वहीं, ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर में भी आग लगी, जिसमें पिता और पुत्री की मौत हो गई थी।
इसके आलवा जितेंद्र EV के 20 इलेक्ट्रिक स्कूटर में जल चुके हैं और प्योर EV स्कूटर के बैटरी विस्फोट से 80 वर्षीय व्यक्ति की जान गई।
नई पॉलिसी
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बैटरी गाइडलाइंस से जुड़े नियमों को लाने के लिए परिवहन विभाग ने प्रस्तावित बैटरी नीति पर भी काम शुरू कर दिया है।
इसके तहत बैटरी परफॉर्मेंस टेस्टिंग और विनिर्माण स्टैंडर्ड के साथ-साथ हीट रजिस्टेंस से जुड़े नियमों को भी शामिल किया जाएगा।
इस नई बैटरी नीति के तहत बैटरी मैनेजमेंट और सेल जांच की प्रक्रिया में भी बदलाव की जाएगी।
इस तरह सरकार नए मानक स्टोरेज क्षमता, रिचार्ज स्टैंडर्ड जैसे अन्य सेफ्टी फीचर्स पर जोर देगी।