पहली बार दिखी मारुति-टोयोटा की नई मिड साइज SUV की झलक, टेस्टिंग शुरू
जैसा कि हम सभी जानते हैं सुजुकी और टोयोटा के बीच हुई वैश्विक साझेदारी के तहत टोयोटा मारुति की गाड़ियों को रीबैज करके भारतीय बाजार में पेश कर रही है, लेकिन अब विकास के अगले चरण में टोयोटा एक नई मध्यम आकार की SUV पर काम कर रही है, जिसे पहली बार टेस्टिंग करते देखा गया है। फिलहाल इसे D22 कोडनेम दिया गया है और इसका निर्माण कर्नाटक के बिदादी सुविधा केंद्र में किया जा रहा है।
क्यों खास है यह SUV?
पहले के रीबैज वर्जन में टोयोटा ने मारुति की बलेनो को ग्लैंजा के रूप में और ब्रेजा को अर्बन क्रूजर के रूप में पेश कर चुकी है। हालांकि, मारुति-टोयोटा मिडसाइज SUV पूरी तरह से नई होगी और वैसा सेगमेंट जिसमें पहले से ही बहुत अधिक प्रतिद्वंदी मौजूद हैं, ग्राहकों के लिए कुछ अनोखा पेश करने का विचार है। टोयोटा की यह नई मिड साइज SUV हुंडई क्रेटा और किआ सेल्टोस जैसी गाड़ियों को टक्कर देगी।
हो रहा है नए प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल
नई मारुति-टोयोटा SUV एक नए आर्किटेक्चर का उपयोग करेगी जो DNGA (डायहात्सु-सोर्स) नामक मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म से ली गई है। यह विशेष रूप से भारत जैसे उभरते बाजारों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। बता दें कि DNGA प्लेटफॉर्म कैमरी जैसी कारों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रीमियम प्लेटफॉर्म है। वहीं, फीचर्स के तौर पर इसमें मस्कुलर बोनट, क्रोम आउटलाइन के साथ ब्लैक-आउट ग्रिल, चौड़ा एयर डैम, पावर एंटेना और रूफ-माउंटेड स्पॉइलर दिए जाएंगे।
इलेक्ट्रिक कार पर भी चल रहा काम
इस SUV के अलावा दोनों वाहन निर्माता एक नई इलेक्ट्रिक कार (EV) के निर्माण पर भी विचार कर रही है। 2025 तक भारतीय सड़कों पर इस इलेक्ट्रिक कॉम्पैक्ट SUV उतारा जा सकता हैं। इस मॉडल को फिलहाल 27PL नाम दिया गया है। इसकी लंबाई लगभग 4.2 मीटर की होगी और इसमें 2.7 मीटर व्हीलबेस दिया जाएगा। रिपोर्ट्स की मानें तो नई EV को दो बैटरी पैक 48kWh और 59kWh के साथ पेश किया जा सकता है।
16 इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने की भी है योजना
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए टोयोटा ने भविष्य की अपनी योजना की जानकारी भी दी है। जानकारी के मुताबिक टोयोटा और लेक्सस मिलकर भविष्य में 16 इलेक्ट्रिक वाहन (EV) लॉन्च करने वाली हैं। दोनों कंपनियां 2030 तक 30 इलेक्ट्रिक वाहन में चार ट्रिलियन येन (लगभग 2,675 अरब रुपये) का निवेश करेगी। दूसरी तरफ कंपनी हाइब्रिड जैसी अन्य हरित तकनीकों को शामिल करते हुए, 2030 तक आठ ट्रिलियन येन (5,350 अरब रुपये) का निवेश भी कर रही है।