लागत में बढ़ोतरी के कारण मारुति ने वाहनों की कीमतों में किया इजाफा
क्या है खबर?
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने अपनी पूरी रेंज की कीमतों को 0.1 प्रतिशत से लेकर 4.3 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। नई कीमतें आज से ही लागू हो चुकी हैं।
आपको बता दें की पिछले साल दिसंबर में ही मारुति ने अपने वाहनों की कीमत बढ़ोतरी के संकेत दे दिए थे, जिसमें निर्माता ने बढ़ोतरी का जिम्मेदार एक साल से उत्पादन लागत में होने वाली लगातार वृद्धि को ठहराया था।
बयान
कंपनी ने कही यह बात
एक आधिकारिक बयान में मारुति सुजुकी ने कहा, "पिछले एक साल से विभिन्न इनपुट लागतों में इजाफे के कारण उसके वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।"
मारुति सुजुकी ने आगे कहा कि इन कारणों की वजह से कंपनी के लिए कीमतों में बढ़ोतरी के जरिए इन बढ़े हुए लागतों का कुछ प्रभाव ग्राहकों पर डालना अनिवार्य हो गया है ताकि लागत में हुई बढ़ोतरी की भरपाई की जा सके।
जानकारी
बीते साल तीन बार बढ़े दाम
मारुति 2021 में अपनी कारों की कीमतों में तीन बार बढ़ोतरी कर चुकी है।
जनवरी में मारुति ने इनपुट लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए कीमतों में 1.4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी, जबकि अप्रैल में दूसरी बढ़ोतरी के बाद कारों की कीमतों में लगभग 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
तीसरी बढ़ोतरी सितंबर 1.9 प्रतिशत के साथ की गई थी। इस तरह बीते साल कंपनी ने कुल 4.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की।
सेल्स रिपोर्ट
2021 में बिक्री में हुआ मुनाफा
आपको बता दें कि मारुति ने 2021 में थोक बिक्री में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि की है, कंपनी ने इस दौरान 13.97 लाख यूनिट्स का उत्पादन किया है, जबकि एक साल पहले इसी दौरान यह आंकड़ा 12.14 लाख यूनिट्स का था।
वहीं, सिर्फ दिसंबर के महीने में कंपनी ने कुल थोक बिक्री में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जो 1,53,149 यूनिट्स थी।
कंपनी ने 22,280 गाड़ियों के निर्यात के साथ अच्छा निर्यात भी किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मांग बढ़ाने के लिए मारुति बना रही फ्यूल एफिशिएंट कार
इनपुट लागतों की वजह से कीमतों में हुई वृद्धि और बिक्री में लगातार आ रही गिरावट को देखते हुए मारुति पेट्रोल सेगमेंट में ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट कार बनाने पर ध्यान दे रही है।
कंपनी के मुताबिक 2023 तक आते-आते डीजल से चलने वाली गाड़ियों की मांग बहुत कम रह जाएगी और 2023 में उत्सर्जन मानदंडों का नया चरण आएगा जिससे लागत बढ़ने की संभावना है, इसलिए कंपनी दूसरे विकल्पों की ओर ज्यादा ध्यान दे रही है।