Page Loader
बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण: भारतीय दस्तावेजों के साथ मिले बांग्लादेश और नेपाल के नागरिक
बिहार में चल रहा है मतदाता सूचियों को पुनरीक्षण

बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण: भारतीय दस्तावेजों के साथ मिले बांग्लादेश और नेपाल के नागरिक

Jul 13, 2025
04:53 pm

क्या है खबर?

बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के लिए किए जा रहे घर-घर सर्वे में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुनरीक्षण में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिले हैं, जिनके पास आधार, निवास प्रमाण पत्र और राशन कार्ड जैसे भारतीय दस्तावेज हैं। इस मामलों की पहचान कर ली गई है और अब 1 से 30 अगस्त तक इनकी जांच कर स्थिति को स्पष्ट किया जाएगा।

कार्रवाई

जांच के बाद हटाए जाएंगे नाम 

पुनरीक्षण से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण में BLO को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से बड़ी संख्या में लोग मिले हैं। ये लोग आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड समेत सभी दस्तावेज हासिल करने में सफल रहे हैं। ऐसे में अब इनका 1 से 30 अगस्त के बीच गहन सत्यापन किया जाएगा और जो भी नाम अपात्र पाए जाएंगे, उन्हें 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।

कारण

मतदाता सूची में क्यों किया जा रहा है संशोधन?

बिहार की मतदाता सूचियों में संशोधन के उद्देश्य से 25 जून को विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू किया गया था। इससे पहले साल 2003 में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण किया गया था। चुनाव आयोग ने इस संशोधन के लिए तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण, लगातार हो रहे प्रवास, युवा नागरिकों के मतदान के लिए पात्र होने, मौतों की सूचना न देने और विदेशी अवैध प्रवासियों को शामिल करने जैसे कारणों का हवाला दिया है।

सवाल

विपक्ष ने अभ्यास के समय पर सवाल उठाए

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस सहित विपक्ष ने इस प्रक्रिया के समय पर सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि यह मतदाताओं को बाहर करने की एक साजिश है। हालांकि, भाजपा ने इस कदम का बचाव करते हुए पूछा कि यह असली मतदाताओं के सत्यापन और नकली मतदाताओं को हटाने की प्रक्रिया है और वह इसका विरोध नहीं करेगी।

चुनौती

विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दी फैसले को चुनौती

चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची में संशोधन को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं के साथ यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ताओं में RJD सांसद मनोज झा , एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR), पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा शामिल हैं। हाल ही में हुई एक सुनवाई में इस प्रक्रिया के समय और मतदाताओं की पहचान के पुन: सत्यापन के लिए स्वीकृत दस्तावेजों पर सवाल उठाए गए थे।