बढ़ रहा है महिंद्रा मॉडल का वेटिंग पीरियड, 1.47 लाख गाड़ियों की डिलीवरी बाकी
सेमीकंडक्टर की कमी के कारण देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की 1.47 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है और इस वजह से कंपनी के मॉडलों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है। यह जानकारी कंपनी ने दी है। कंपनी की मानें तो पार्ट्स की कमी के कारण चार मॉडलों थार, बोलेरो, XUV300 और X700 की डिलीवरी में देरी हो रही है। तो आइये, जानते हैं इस बारे में क्या कुछ पता चला है।
क्या है डिलीवरी में देरी की वजह?
इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स की कमी के कारण कंपनी को अपना उत्पादन धीमा करना पड़ रहा है। इससे महिंद्रा अपना आर्डर पूरा नहीं कर पा रही है। कंपनी XUV700 में एड्रेनो-X इंफोटेनमेंट और ADAS तकनीक जैसे फीचर्स प्रदान करती है, जिसके लिए कई चिप्स की आवश्यकता होती है। चिप की कमी के कारण कार में इन फीचर्स को शामिल करने में महिंद्रा को दिक्कतें आ रही है। इस वजह से कंपनी को मजबूरन अपनी गाड़ियों के वेटिंग पीरियड बढ़ाने पड़ रहे हैं।
XUV700 पर चल रहा दो साल का वेटिंग पीरियड
अभी कुछ दिन पहले ही महिंद्रा ने जानकारी दी थी कि कंपनी को XUV700 की 70,000 यूनिट्स की बुकिंग मिल चुकी है। इसकी बढ़ती मांग के कारण SUV के लिए आपको लगभग दो साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। कार की बुकिंग पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुई थी। इसे ग्लोबल NCAP द्वारा 'सेफर चॉइस' अवॉर्ड दिया गया है। वहीं, महिंद्रा थार पर भी लगभग 28 से 30 महीने का वेटिंग पीरियड चल रहा है।
ग्राहकों को करना पड़ेगा अधिक भुगतान
डिलीवरी में देरी का मतलब है कि खरीदार को अपने वाहन के लिए अधिक भुगतान करना होगा क्योंकि ग्राहकों को डिलीवरी के समय लागू कीमतों का भुगतान करना होगा। बता दें कि बढ़ती इनपुट लागत के चलते लगभग सभी कंपनियां अपने वाहनों के दाम बढ़ा रही हैं और साल की शुरुआत से औसतन लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियां चार बार अपने वाहनों के दाम बढ़ा चुकी हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी कार निर्माताओं के लिए बड़ी समस्या है। कंपनियों का कहना है कि स्थिति को सामान्य होने में समय लगेगा। रिपोर्ट्स की माने तो यह समस्या इस साल के अंत तक बनी रहेगी। बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड सबसे अधिक है क्योंकि इनमें कई चिप लगे होते हैं। इस समस्या से निकलने के लिए फोर्ड मोटर्स, टाटा और जनरल मोटर्स जैसी कंपनियां सेमीकंडक्टर्स प्लांट लगाने की योजना बना रही हैं।