
इलेक्ट्रिक वाहन का बीमा लेते समय रखें इन बातों का ध्यान, नुकसान की चिंता खत्म
क्या है खबर?
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का चलन बढ़ने के साथ इनके बीमा की मांग में भी उछाल आ रहा है।
पॉलिसीबाजार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 3 सालों में EV के लिए बेची जाने वाली बीमा पॉलिसियों की हिस्सेदारी में तेजी से वृद्धि हुई है, जो 16 गुना बढ़ गई है।
EV बीमा लेते समय आप कुछ बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो बाद में आपको पछताना पड़ सकता है।
आइये जानते हैं वो कौनसी जरूरी बातें हैं।
जोखिम
EV से जुड़े जोखिम
इलेक्ट्रिक वाहनों के जोखिम ICE-संचालित वाहनों से अलग होते हैं। इनमें चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करते समय और शार्ट सर्किट या अन्य कारणों से आग लगने जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
इसके अलावा बैटरी में खराबी आने की समस्या रहती है, जो गाड़ी का सबसे महंगा घटक होता है।
बीमा कंपनियां इन चिंताओं को दूर करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई पॉलिसी पेश कर रही हैं, जो इन समस्याओं के लिए बीमा कवरेज प्रदान करती हैं।
ऐड-ऑन
बीमा में जरूर कराएं ये ऐड-ऑन
इलेक्ट्रिक कार और स्कूटर के लिए जीरो डिप्रिशिएशन, रोडसाइड असिस्टेंस, बैटरी प्रोटेक्शन और चार्जर कवर जैसे ऐड-ऑन जरूरी हो गए हैं।
ये आमतौर पर बैटरी चोरी या आग लगने जैसी घटनाओं में काफी मददगार होते हैं।
ऐड-ऑन तब ही ठीक रहता है, जो EV की उम्र 5 साल से ज्यादा न हो। अगर आप बाढ़ प्रभावित इलाके में रहते हैं तो बैटरी में पानी से नुकसान का खतरा रहता है, जिससे बचने के लिए बीमा कवर लेना जरूरी है।