
आइकॉनिक स्कूटर: विश्व कप जीतने वाले भारतीय क्रिकेटरों को उपहार में मिला था विजय सुपर
क्या है खबर?
बैलगाड़ी के जमाने में स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड (SIL) ने लोगों के दोपहिया वाहन का सपना पूरा किया था।
1972 में लॉन्च हुए आइकॉनिक स्कूटर विजय सुपर का नाम 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारत की जीत से प्रेरित होकर रखा गया।
यह विंटेज स्कूटर आम लोगों के साथ बॉलीवुड में भी लोकप्रिय हुआ। इतना ही नहीं सरकार ने 1983 में पहली बार क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के प्रत्येक सदस्य को यह उपहार में दिया।
डिजाइन
आकर्षक था विजय सुपर का डिजाइन
इटालियन कंपनी इनोसेंटी से लाइसेंस लेकर SIL ने विजय सुपर को बनाया था, जिसके आकर्षक डिजाइन और स्टाइल ने इसे तुरंत हिट बना दिया।
इसमें आयताकार हेडलाइट, स्पीडोमीटर, स्प्रिंगदार राइडर सीट और इंजन सेंटर में दिया गया था। दोपहिया वाहन में आकर्षक फ्रंट फेंडर, साइड बॉडी और स्टेपनी के साथ बैक स्मूथ नजर आता था।
वेस्पा की सिंगल-साइडेड की तुलना में फ्रंट सस्पेंशन डबल-साइडेड था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे लैंब्रेटा ग्रैंड प्रिक्स 150 नाम से उतारा गया था।
पावरट्रेन
दमदार था स्कूटर का पावरट्रेन
विजय सुपर स्कूटर को 150cc, 2-स्ट्रोक, सिंगल-सिलेंडर इंजन के साथ पेश किया गया था, जो 6,300rpm पर करीब 8.7bhp की पावर जनरेट करता था।
यह स्कूटर को करीब 104 किमी/घंटा की टॉप स्पीड तक पहुंचाने में सक्षम था। इस स्कूटर का वजन 120 किलोग्राम के आस-पास था।
1997 में बंद हुए इस विंटेज स्कूटर को सैकेंड-हैंड बाजार में खरीद सकते हैं, लेकिन इसके लिए अब 60,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये कीमत देनी होगी।