आइकॉनिक स्कूटर: काइनेटिक होंडा था देश का पहला ऑटोमैटिक स्कूटर
1980 के दशक तक कई दोपहिया वाहन कंपनियां देश में अपने स्कूटर मॉडल उतार चुकी थीं। फिर भी महिलाओं के लिए चलाने के लिए उपयुक्त दोपहिया वाहन की कमी थी। इस कमी को काइनेटिक इंजीनियरिंग लिमिटेड और जापानी कंपनी होंडा ने पूरा किया और इस तरह 1984 में लॉन्च हुआ आइकॉनिक स्कूटर काइनेटिक होंडा। यह भारत का पहला 2-स्ट्रोक ऑटोमैटिक स्कूटर था, जो बिना गियर और इलेक्ट्रिक स्टार्ट की सुविधा के कारण युवाओं और महिलाओं का पसंदीदा बना गया।
आकर्षक डिजाइन देता था प्रीमियम लुक
काइनेटिक होंडा अपने वक्त में प्रीमियम स्कूटर श्रेणी में आता था। इसका बॉडी डिजाइन आकर्षक और सुव्यवस्थित था, जिसे होंडा NH100 से उधार लिया गया था। यह चौड़े आयताकार हेडलैंप के साथ आया था, जिसके पास में टर्न इंडिकेटर्स लगे थे। इस सेटअप ने इसे अनोखा फ्रंट लुक दिया था। स्कूटर के पीछे स्टैपनी के नीचे बड़े इंडिकेटर और उनके बीच में ब्रेक लाइट लगी हुई थी। सामने बॉक्स स्टोरेज और चौड़ी आरामदायक सीट की सुविधा दी थी।
स्कूटर में मिलती थी 80 किमी/घंटा की टॉप स्पीड
काइनेटिक होंडा में 98cc, 2-स्ट्रोक, एयर-कूल्ड इंजन दिया गया, जो 7.7bhp की पावर और 9.8Nm का टॉर्क पैदा करने में सक्षम था। वेरियो-मैटिक ट्रांसमिशन के साथ यह 80 किमी/लीटर टॉप स्पीड से दौड़ सकता था और 40 किमी/लीटर का माइलेज देने में सक्षम था। सस्पेंशन के लिए आगे कोएक्सियल शॉक एब्जॉर्बर और पीछे हाइड्रोलिक स्प्रिंग (मोनोशॉक) मिलती थी, जबकि दोनों सिरों पर ड्रम ब्रेक की सुविधा थी। 1998 में बंद हुए इस स्कूटर की कीमत 14,000 रुपये (एक्स-शोरूम) रही थी।