प्रतियोगी परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं कारगिल विजय दिवस से जुड़े ये तथ्य
क्या है खबर?
आज कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। आज का दिन भारतीय सेना की जांबाजी, पराक्रम और बहादुरी के लिए जाना जाता है।
26 जुलाई, 1999 के दिन भारत की सेना ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की सेना को धूल चटाई थी और दुनिया को अपनी ताकत दिखाई थी।
करगिल युद्ध आधुनिक इतिहास और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
आइए प्रतियोगी परीक्षा के लिहास से इस युद्ध के महत्वपूर्ण तथ्यों को जानते हैं।
कारण
लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के बाद भी पाकिस्तान ने किया था भारत पर हमला
1971 में भारत-पाक युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच कई सैन्य संघर्ष हुए।
दोनों देशों ने 1998 में परमाणु परीक्षण किए, इससे तनाव बढ़ गया।
फरवरी 1999 में दोनों देशों ने स्थिति शांत करने के लिए लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।
उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ थे।
घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद भी पाकिस्तान बाज नहीं आया और उसने मई, 1999 में भारत पर हमला कर दिया।
60
60 दिनों तक चला था युद्ध
कारगिल युद्ध की शुरुआत 3 मई, 1999 को हुई थी। पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के साथ कारगिल के चट्टानी पहाड़ी क्षेत्र के इलाकों में घुसपैठ की।
पाकिस्तान ने भारत में घुसपैठ को 'ऑपरेशन बद्र' कोड दिया था।
पाकिस्तानी सैनिकों को देश की सीमा से बाहर घसीटने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' चलाया।
दोनों देशों के बीच करीब 2 महीने तक युद्ध चला और 26 जुलाई, 1999 को आधिकारिक रूप से भारत की विजयी की घोषणा हुई।
युद्ध
वायुसेना ने चलाया था ऑपरेशन सफेद सागर
कारगिल युद्ध में जीत के लिए भारतीय वायुसेना (IAF) ने ऑपरेशन सफेद सागर शुरू किया।
युद्ध में जमीनी हमले के लिए वायुसेना ने मिग-2 आई, मिग-23एस, मिग-27एस, जगुआर और मिराज-2000 जैसे विमानों का इस्तेमाल किया।
इन विमानों की मदद से पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला किया गया था।
हालांकि, युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने दो भारतीय फाइटर जेट मार गिराए थे जबकि एक अन्य फाइटर जेट ऑपरेशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इजरायल
इजरायल ने की थी मदद
कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल ने भारत की बहुत मदद की थी।
इजरायल ने भारत को मोर्टार और गोला-बारूद, लड़ाकू विमान, निगरानी ड्रोनों के लिए लेजर-निर्देशित मिसाइलें भी प्रदान की थी।
इजरायल ने भारत को अपना हेरोन ड्रोन सौंपा था जो उस समय की सबसे उन्नत तकनीक मानी जाती थी।
इजरायल के अलावा G8 देशों ने भारत का समर्थन किया था। G8 देशों में फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स, कनाडा और रूस शामिल हैं।
करगिल
पुरिग नाम से जाना जाता था कारगिल
1947 में भारत के विभाजन से पहले कारगिल लद्धाख के बाल्टिस्तान जिले का हिस्सा था।
इसे कश्मीर युद्ध के बाद LOC द्वारा अलग कर दिया गया था।
पहले कारगिल जिले का अधिकांश भाग पुरिग के नाम से जाना जाता था।
इसमें कारगिल शहर, सुरू घाटी, चिकतन और मुलबेक के आसपास का क्षेत्र शामिल था।
कारगिल में शिना, बाल्टी, पुरिग और लद्धाखी भाषा बोली जाती है।
बाल्टी और शिना भाषाएं उर्दू लिपि में लिखी जाती हैं।
जानकारी
युद्ध के प्रभाव
युद्ध भारत की जीत के साथ समाप्त हुआ। भारत में अपनी रक्षा खामियों पर आत्मनिरीक्षण किया और अपनी सेनाओं को आधुनिक बनाने पर काम किया। भारत ने अपना रक्षा बजट बढ़ाया। भारत ने इजरायल का दौरा दिया और अपने अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत किए।