
हुंडई ने भारत में शुरू किया हाइड्रोजन फ्यूल सेल का परीक्षण, इंडियन ऑयल को सौंपी
क्या है खबर?
हुंडई मोटर कंपनी ने भारत में हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाहनों की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौते के तहत दक्षिण कोरियाई कार निर्माता ने अपना एक हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) हुंडई नेक्सो इंडियनऑयल को सौंपी है।
हाइड्रोजन फ्यूल सेल से संचालित इस SUV का 2 साल तक भारतीय ड्राइविंग परिस्थितियों में परीक्षण किया जाएगा, जिसमें लगभग 40,000 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।
पावरट्रेन
ऐसा है नेक्सा का पावरट्रेन
परीक्षण भारत में हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले वाहनों की दीर्घायु, विश्वसनीयता और परिचालन दक्षता का आकलन करने पर केंद्रित होंगे।
संचालन और रखरखाव लागत का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक कुल स्वामित्व लागत (TCO) विश्लेषण भी किया जाएगा।
हुंडई नेक्सो एक अत्याधुनिक FCEV है, जो 95kW हाइड्रोजन फ्यूल सेल सिस्टम से संचालित है। इसे 40kW की बैटरी से जोड़ा गया है, जो लगभग 183PS की पावर और 395Nm का टार्क देता है।
रेंज
हाइड्रोजन कार कितनी देगी रेंज?
हुंडई नेक्सो केवल 9.2 सेकेंड में 0-100 किमी/घंटा तक गति पकड़ने में सक्षम है। हाइड्रोजन के एक पूरे टैंक के साथ यह हाइड्रोजन कार 666 किलोमीटर तक की ड्राइविंग रेंज प्रदान करती है।
FCEV प्लेटफॉर्म पर निर्मित नोक्सो में ADAS, वायुगतिकीय डिजाइन और एक विशाल, तकनीक से भरपूर केबिन से लैस है।
इसके अलावा हुंडई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM) के साथ मिलकर एक अत्याधुनिक हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर स्थापित करने पर भी काम कर रही है