यह है दुनिया का पेशाब से चलने वाला पहला ट्रैक्टर, जानें खास बातें
ट्रैक्टर शब्द सुनते ही सभी का ध्यान जाता है एक दमदार इंजन की तरफ, इस दमदार इंजन को चलाने के लिए चाहिए होता है डीजल जैसा पावफुल ईंधन। हालांकि, डीजल प्रदूषण बहुत करता है। ट्रैक्टर में डीजल से छुटकारा पाने के लिए अमेरिकी कंपनी ने एक नया अविष्कार किया है। दरअसल, अमेरिकी कंपनी अमोगी ने एक ऐसा ट्रैक्टर बनाया है जिसे चलाने के लिए ईंधन के रूप में डीजल की जगह पेशाब का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नहीं होगा किसी भी तरह का प्रदूषण
हाल ही में पेश किया गया अमोगी का यह ट्रैक्टर असल में अमोनिया से चलता है। यह अमोनिया हमारे पेशाब में बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह इसलिए भी सफल अविष्कार साबित हो सकता है क्योंकि अमोनिया से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस नहीं निकलती है और इससे बनी ऊर्जा से ट्रैक्टर डीजल के समान ही प्रदर्शन करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह इस तरह के प्रदूषण मुक्त वाहन अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
किस तरह काम करती है यह तकनीक?
अमोगी ने इस ट्रैक्टर में एक ऐसे रिएक्टर का इस्तेमाल किया है जो पेशाब में से अमोनिया को तोड़ता है और इसमें हाइड्रोजन का इस्तेमाल कर ऊर्जा बनाता है। कंपनी का दावा है कि तरल रुप में अमोनिया के इस्तेमाल से यह ट्रैक्टर घंटों तक काम कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमोगी इसी तकनीक का इस्तेमाल कर आने वाले सालों में समुद्री मालवाहक जहाज भी लेकर आ सकती है।
क्यों साबित हो सकता है यह एक किफायती विकल्प?
गौरतलब है कि उद्योग जगत में अमोनिया का इस्तेमाल लंबे समय से किया जाता रहा है। इस कारण से इसके स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट के लिये किसी विशेष तरह के निवेश की आवश्यकता भी नहीं होगी। पेशाब पर चलने वाले वाहन दुनिया के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं, क्योंकि इसकी दुनिया में कोई कमी नहीं है। अमोनिया एक कार्बन मुक्त इंधन होगा, जिससे किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता है।
वैकल्पिक ईंधन वाहनों पर है भारत सरकार का पूरा जोर
हाल ही में भारतीय केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वैकल्पिक ईंधन वाहनों पर चर्चा में बड़ा बयान दिया था कि अगले पांच सालों में पेट्रोल जैसे प्रदूषण करने वाले ईंधनों का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। दरअसल, इस बयान से उनका आशय था कि देश में इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसे अन्य ईंधन वाहनों के प्रयोग पर अधिक जोर दिया जाएगा, जिससे पेट्रोल और डीजल आधारित वाहनों को चलन से बाहर किया जा सकेगा।