बिलिटी इलेक्ट्रिक ने पेश किया दुनिया का पहला हाइड्रोजन सेल आधारित इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर
अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी बिलिटी इलेक्ट्रिक (Biliti electric) ने दुनिया के पहले हाइड्रोजन ईंधन सेल (HFC) से चलने वाले इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर को पेश किया है। इसे कंपनी ने 'फास्टमाइल' नाम दिया है। बिलिटी इलेक्ट्रिक ने पिछले साल हैदराबाद स्थित गयाम मोटर वर्क्स (GMW) के साथ साझेदारी की थी, जिसके तहत यह कंपनी भारत में अपना कारोबार करेगी। इन्होंने तेलंगाना में दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर प्लांट को लगाने की घोषणा भी की है।
क्या खास है इस इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर में?
कंपनी का दावा है कि इलेक्ट्रिक यह थ्री व्हीलर 130 मील यानी करीब 209 किलोमीटर तक की दूरी एक बार हाइड्रोजन भराने पर आराम से तय कर सकता है। इसमें हाइड्रोजन भराने में तीन मिनट से भी कम का समय लगेगा है। फास्टमाइल की मोटर लगभग 700 किलोग्राम की पेलोड क्षमता रखती है। 10,000 किलोमाीटर के रोड टेस्ट के दौरान इस तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन को ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी टेस्ट किया गया है।
सामान्य इलेक्ट्रिक वाहनों से इसमें क्या अलग है?
यह ईंधन सेल आधारित इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV) कुछ पहलुओं में बैटरी वाले सामान्य इलेक्ट्रिक वाहनों से अलग हैं। सामान्य EVs में बिजली स्टोर करने के लिए एक बड़ी बैटरी लगी होती है, जबकि यह FCEV हाइड्रोजन का प्रयोग कर सेल से अपनी बिजली खुद बनाते हैं। बिलिटि इलेक्ट्रिक के सीईओ राहुल गयाम ने कहा की यह वैश्विक बाजारों के लिए हाइड्रोजन ऊर्जा के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।"
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ रही उपयोगिता
गयाम ने कहा कि सामान्य बैटरी वाले EVs परिवहन को कार्बन मुक्त करने का एकमात्र तरीका नहीं हैं। हाइड्रोजन ईंधन सेल की तकनीक से छोटे और किफायती वाहनों से भी बदलाव लाया जा रहा है। इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स या इलेक्ट्रिक रिक्शा यातायात में अंतिम-छोर तक कनेक्टिविटी के अच्छे साधन हैं। भीड़भाड़ वाले शहरी बाजार क्षेत्रों और छोटे स्थानों पर भी इनकी उपयोगिता बढ़ रही है। यह तकनीक किफायती होने पर तीन पहिया EVs के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार का पूरा जोर
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच बड़ा बयान देते हुए कहा था कि अगले पांच सालों में पेट्रोल का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। दरअसल, इस बयान से उनका आशय था कि देश में इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन आधारित वाहनों के प्रयोग पर अधिक जोर दिया जाएगा ताकि पेट्रोल और डीजल आधारित वाहनों को चलन से बाहर किया जा सके।