अगले पांच सालों में बंद हो जाएगा पेट्रोल का इस्तेमाल- गडकरी
क्या है खबर?
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगले पांच सालों में पेट्रोल का इस्तेमाल बंद हो जाएगा।
शुक्रवार को उन्होंने बयान देते हुए कहा कि आने वाले पांच सालों में भारत से पेट्रोल को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा और इस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
आइए, जानते हैं इस बारे में क्या कुछ जानकारी मिली है।
इलेक्ट्रिक गाड़ियां
इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा दे रही सरकार
अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि विकल्प के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग किया जा सकता है, जिसे पानी से बनाया और 70 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचा जा सकता है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री हमेशा से इलेक्ट्रिक गाड़ियों, हाइड्रोजन ईंधन और CNG पर जोर देते आ रहे हैं।
सरकार भी EVs को बढ़ावा दे रही है और इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय सरकार EVs पर और जोर देगी।
जानकारी
किसानों को बनना होगा ऊर्जा दाता- गडकरी
इसके साथ ही गडकरी ने कहा कि किसान भविष्य में ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा, "देश का किसान केवल गेहूं, चावल, मक्का लगाने से अपना भविष्य नहीं बदल सकता है। आने वाले सालों में किसानों को ऊर्जा दाता बनने की जरूरत है।"
सरकार इथेनॉल मिश्रित तेल बेचने को भी बढ़ावा दे रही है। इससे किसानों को भी मुनाफा हो रहा है। इसके चलते पिछले साल 20,000 करोड़ रुपये की बचत हुई थी।
जानकारी
इथेनॉल ईंधन क्या होता है?
इथेनॉल ईंधन और कुछ नहीं बल्कि एथिल अल्कोहल है, जिसका इस्तेमाल शराब बनाने में किया जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वाहनों के कुछ पार्ट्स में बदलाव करना पड़ता है। यही वजह है कि वर्तमान में इसे पेट्रोल मिलाकर इस्तेमाल किया जा रहा है।
शुरुआत एक या दो प्रतिशत से हुई थी, लेकिन अब पेट्रोल में पांच से 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाया जा रहा है।
इथेनॉल ईंधन
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
जानकारी के लिए बता दें कि इथेनॉल मकई, भांग और आलू आदि फसलों से मिलता है।
इसका उपयोग फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल्स (जिन में पेट्रोल और गैसोलीन से बने ईंधन का उपयोग किया जा सकता है) में जैव (कार्बनिक) ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
इथेनॉल जलने पर कम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। यही कारण है कि अन्य ईंधनों की तुलना में यह कम प्रदूषण फैलाता है। इसलिए सरकार E20 ईंधन का इस्तेमाल करने पर जोर देती रही है।